सिद्धू के मजीठिया के साथ तल्ख रिश्ते जगजाहिर रहे हैं. कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही सिद्धू पंजाब विधानसभा नहीं गए हैं और ना ही वो जनसभाओं में उपस्थित हुए हैं. रविवार रात को एल्बम रिलीज के मौके पर सिद्धू को न्योता दिया गया था.
सिद्धू को अकाली दल से असंतुष्ट होकर अलग बने अकाली दल टकसाली के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा, कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ बैठे देखे गया. सिद्धू कांग्रेस सांसद औजला के साथ बात करते भी देखे गए. हालांकि उन्होंने मजीठिया से दूरी बनाए रखी. सिद्धू ने ब्रह्मपुरा का भी अभिवादन किया.
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आठ महीने बाद सिद्धू के अचानक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रकट होने से राजनीतिक गलियारों में उनके बारे में कयास लगने शुरू हो गए हैं. सिद्धू ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रचार में हिस्सा नहीं लिया. सूत्रों ने बताया कि सिद्धू ने जानबूझ कर ऐसा किया. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू किसी अन्य राजनीतिक दल का दामन थाम सकते हैं. इनमें आप और बीजेपी के नाम भी लिए जा रहे हैं.
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नवजोत सिंह सिद्धू ने हालांकि आगे के कदम को लेकर चुप्पी बनाई हुई है. पंजाब में पार्टी के पुनर्गठन की कोशिश में लगी आम आदमी पार्टी की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू को साथ जुड़ने के लिए संकेत भेजे जा रहे हैं.