पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे और चरणजीत सिंह चन्नी की ताजपोशी के साथ ये लगने लगा था कि अंदरुनी कलह थम गई. हालात संभलते नजर आ ही रहे थे कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक सोनिया गांधी को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा भेज दिया. सिद्धू के इस्तीफे के साथ ही चंडीगढ़ से पटियाला और नई दिल्ली तक हलचल तेज हो गई. किनारे आती दिखी पंजाब कांग्रेस की नैया फिर से सियासी भंवर में फंस गई.
नवजोत सिंह सिद्धू के बाद रजिया सुल्ताना और परगट सिंह ने चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. योगिंदर ढींगरा और गौतम सेठ ने पंजाब कांग्रेस में महासचिव के पद से इस्तीफा भेज दिया. संगठन से सरकार तक इस्तीफों के दौर के बीच देर शाम चन्नी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग पटियाला पहुंचे और सिद्धू के घर जाकर उनसे मुलाकात की.
सुलझ जाएगा विवाद?
सिद्धू से मुलाकात के बाद चन्नी सरकार में मंत्री राजा वडिंग ने कहा कि कुछ मामूली मसले थे जिनकी वजह से गलतफहमी हुई. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने दावा किया कि इन्हें 29 सितंबर को सुलझा लिया जाएगा. इससे पहले पंजाब के कांग्रेस विधायक बावा हेनरी ने दावा किया था प्रदेश अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा आलाकमान ने मंजूर नहीं किया है.
बावा हेनरी ने भी कहा था 3-4 मुद्दे हैं जिनपर पार्टी फोरम में चर्चा चल रही है. पार्टी आलाकमान इन्हें सुलझा लेगा. उन्होंने दावा किया था कि इन्हें सुगलझा लिया जाएगा.
गौरतलब है कि सिद्धू के इस्तीफे के बाद कैप्टन गुट ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. कैप्टन ने कहा कि पहले से ही कहता रहा हूं कि वो अस्थिर आदमी है. पंजाब सीमावर्ती राज्य है ऐसे में वो (सिद्धू) यहां के लिए फिट नहीं है.
कैप्टन समर्थक विधायक सरकार से संगठन तक चले इस्तीफों के दौर के बाद अब फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं. कैप्टन ने भी साफ किया है कि वे जल्द ही बड़ा फैसला लेंगे. सिद्धू से मिलने के लिए खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के पटियाला जाने की खबर भी आई थी. हालांकि, सीएम चन्नी नहीं गए लेकिन उनकी सरकार में मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और परगट सिंह सिद्धू से मिलने पटियाला के उनके घर पहुंचे.