पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच गुरुवार को लंबी बातचीत हुई. दोनों के बीच कुछ मुद्दों पर तो सहमति बनी, लेकिन अब भी कई ऐसे मुद्दे हैं, जिस पर दोनों अड़े हुए हैं. चंडीगढ़ के पंजाब भवन में सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के बीच यह बैठक हरीश चौधरी की मौजूदगी में हुई.
पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद माना जा रहा था कि हालात कुछ बेहतर हो जाएंगे, लेकिन समय के साथ ही और बद्तर होते चले गए. चरणजीत सिंह द्वारा कई पदों पर की गईं नियुक्तियां को लेकर सिद्धू और चन्नी में ठन गई और सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में सिद्धू ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार में कई पदों पर दागियों की नियुक्तियां की गई हैं. इसमें कैबिनेट मंत्री, एडवोकेट जनरल, डीजीपी आदि का नाम शामिल है.
किस पर सिद्धू-चन्नी में नहीं बन सकी बात?
सूत्रों के अनुसार, नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की बैठक में कुछ मुद्दों पर तो सहमति बनी है, लेकिन कई मुद्दे अब भी ऐसे हैं, जिसपर कोई सहमति नहीं बन सकी. सिद्धू एडवोकेट जनरल और डीजीपी को हटाने पर अड़ गए हैं, जबकि चन्नी ने कहा कि जिन केसों पर सिद्धू को ऐतराज है, उन पर स्पेशल सॉलिसिटर को लगाया जा सकता है, लेकिन एडवोकेट जनरल को नहीं हटाया जाएगा. अब जिन मुद्दों पर दोनों के बीच में सहमति नहीं बन सकी है, उस पर फैसला कांग्रेस आलाकमान लेगा.
सिद्धू-चन्नी के बीच लंबी चली बातचीत
चंडीगढ़ के पंजाब भवन में नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के बीच लंबी मुलाकात हुई. दोनों के बीच पंजाब सरकार में हुईं नियुक्तियों को लेकर चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार हालांकि, मुख्यमंत्री चन्नी ने सिद्धू की कुछ मांगों को मान लिया है. सिद्धू को बैठक में जानकारी दी गई है कि आईपीएस सहोता अभी डीजीपी के रूप में काम कर रहे हैं और उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. सिद्धू ने सहोता पर सवाल खड़े करते हुए बैठक से पहले ट्वीट भी किया था. उन्होंने कहा था, ''डीजीपी आईपीएस सहोता बादल सरकार के तहत बेअदबी मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख थे. उन्होंने दो सिख युवकों को बेअदबी के लिए गलत तरीके से आरोपित किया और बादल को क्लीन चिट दे दी. साल 2018 में, मैंने कांग्रेस के मंत्रियों, तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री के साथ न्याय की लड़ाई में हमारे समर्थन का आश्वासन दिया था.''
पंजाब में 48 घंटों में बदल गई फिजा?
पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह की मुलाकात के बाद कुछ हदतक थमता दिखाई दे रहा है. दोनों के बीच तकरीबन दो घंटे तक चली बैठक के बाद कहा जा रहा है कि सीएम चन्नी ने कुछ मांगें मान ली हैं. पूरा विवाद मंगलवार को उस दिन शुरू हुआ था , जब अचानक सिद्धू ने कई नियुक्तियों के चलते पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. वह लगातार पटियाला में आगे की रणनीति बनाते रहे थे. सिद्धू के इस्तीफा देते ही पंजाब सरकार में मंत्री रजिया सुल्ताना समेत कई अन्य कांग्रेसी नेताओं ने इस्तीफा सौंप दिया था. हालांकि, बाद में कांग्रेस आलाकमान की ओर से सिद्धू को लेकर कड़ा रुख अपनाए जाने के बाद सिद्धू ने यह जानकारी दी थी कि वह मुख्यमंत्री चन्नी से मुलाकात करने जा रहे हैं. सिद्धू और चन्नी के बीच हुई बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस की फिजा में बदलाव नजर आ रहा है.
Chandigarh: Navjot Singh Sidhu arrives at Punjab Bhavan to meet CM Charanjit Singh Channi. pic.twitter.com/ExgsBjDK8C
— ANI (@ANI) September 30, 2021
कैप्टन के अगले कदम से भी कांग्रेस में खलबली
जैसा कि अंदेशा लगाया जा रहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद और खुलकर सिद्धू के विरोध में आ सकते हैं. ठीक बिल्कुल वैसा ही हुआ. कैप्टन ने इस्तीफा देते ही सिद्धू पर लगातार वार किए और पिछले दिनों कांग्रेस में उस वक्त और हंगामा मच गया, जब वे दिल्ली के दौरे पर पहुंचे. कपूरथला हाउस को खाली करने की बात कहकर कैप्टन अमरिंदर सिंह राजधानी पहुंचे और अगले दिन उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद गुरुवार को कैप्टन और अजीत डोभाल के बीच भी बैठक हुई. इसके बाद सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी पर लगीं सबकी निगाहें कैप्टन अमरिंदर की ओर भी टिक गईं. कैप्टन ने साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे. हालांकि, उन्होंने दावा किया है कि वह बीजेपी का दामन नहीं थामने जा रहे हैं. ऐसे में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री के अगले कदम पर सबकी निगाहें टिक गई हैं.