पंजाब के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब में गेहूं और धान के अलावा किसी और दूसरे कृषि उत्पाद को एमएससी देने का प्रावधान नहीं ह, ना ही अनाज संग्रहित करने का कोई जरिया है. आज पंजाब में एमएसपी का सिस्टम लागू है, कल को खत्म हो सकता है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि किसानों का संघर्ष एमएससी और मंडी बचाने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए क्योंकि पिछले 25 सालों से एमएसपी मिल रहा है, उसके बावजूद भी किसान खुदकुशी क्यों कर रहे हैं. मेरी मांग है कि पंजाब सरकार दालों, फलों और सब्जियों आदि पर भी एमएसपी दे.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि अगर सरकार के पास किसानों की मदद करने के लिए पैसा नहीं है तो सरकार को पंजाब में चल रहे खनन माफिया, शराब माफिया और केबल माफिया पर लगाम लगानी चाहिए. दशकों से किसान की आमदनी घट रही है और आमजन खोने का डर उसे सड़कों पर संघर्ष करने के लिए मजबूर कर रहा है.
पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक तो किसानों की आमदनी बढ़ाने की तरफ कोई प्रयास नहीं किया, अलबत्ता जो उनके आमदन है उसे भी छीनने पर तुली हुई है. केंद्र के नए तीन कृषि कानून जमाखोरी को बढ़ावा देंगे और सामान्य वस्तुओं की कीमतें 50 गुना तक बढ़ जाएंगी.
पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि देश में भुखमरी अनाज की कमी से नहीं आएगी, बल्कि अनाज के गोदामों में पड़े रहने से आएगी. केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के अधिकार कम करके उनको नगर निगम बनाने पर तुली हुई है. हमारी लड़ाई संविधान के आर्टिकल 249 से है, जिसके तहत केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों में दखल दे सकती है.
पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि कोरोनावायरस के चलते केंद्र लोगों को मुफ्त अनाज बांट रहा है, अबकी बार धान की जमकर खरीद होगी और अगली बार गेहूं की, लेकिन उसके बाद क्या होगा? यह किसी को पता नहीं है. हो सकता है अगले दो-तीन सालों में एमएसपी खत्म कर दी जाए.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया कि एक षड्यंत्र के तहत पंजाब की खेती को खत्म किया जा रहा है. पंजाब के 86 फ़ीसदी किसान कर्ज में डूबे हैं और अगर केंद्र के 3 नए कानून पंजाब में लागू हो गए तो बाकी के किसान भी बर्बाद हो जाएंगे. पंजाब का शोषण पहले केंद्र सरकार ने किया और अब पूंजीपति करेंगे.
पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब के किसान कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं और उस खेती का मुनाफा उठाएंगे चंद औद्योगिक घराने. कई राज्य पंजाब की तुलना में सस्ता गेहूं बेच रहे हैं. अगर निजी कंपनियों को ही अनाज खरीदना है तो वह पंजाब से महंगे दामों पर क्यों खरीदेंगे.