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BJP के खिलाफ मुंह खोलने वाले नवजोत सिंह सिद्धू हुए आवाज-ए-पंजाब के! अगले हफ्ते होगा ऐलान

सिद्धू ने पिछले दिनों राज्‍यसभा सदस्यता से इस्‍तीफा दिया था और बीजेपी के प्रति अपनी नाराजगी जगजाहिर की थी. इसके बाद से सिद्धू की नई सियासी पारी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया था.

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नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू

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पंजाब में चुनाव से ठीक पहले राज्य में नई सियासी सुगबुगाहट तेज हो गई है. बीजेपी से अलग हुए नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में अपना अलग मोर्चा बना सकते हैं. ये दावा किया है हॉकी खिलाड़ी और विधायक परगट सिंह ने. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट कर दावा किया है कि क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू आवाज-ए-पंजाब नाम का मोर्चा बनाएंगे.

दूसरी ओर, सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कहा कि परगट के दावों पर सिद्धू आगामी 8 सितंबर को मीडिया के सामने अपनी राय रखेंगे. नवजोत ने कहा, 'मैंने परगट सिंह का फेसबुक पोस्ट देखा. सिद्धू 8 सितंबर को मीडिया के सामने अपनी बात रखेंगे कि वो परगट के साथ हैं या नहीं.'

सिद्धू ने पिछले दिनों राज्‍यसभा सदस्यता से इस्‍तीफा दिया था और बीजेपी के प्रति अपनी नाराजगी जगजाहिर की थी. इसके बाद से सिद्धू की नई सियासी पारी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नवजोत नए फ्रंट आवाज-ए-पंजाब से जुड़ेंगे. इस फ्रंट के गठन की घोषणा 9 सितंबर को की जाएगी.

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बादल सरकार के खि‍लाफ मुखरता से शुरू हुई कहानी
नवजोत सिंह सिद्धू इससे पहले अमृतसर लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं. राज्‍यसभा सदस्‍यता से इस्‍तीफा देने के पहले नवजोत के बीजेपी के साथ रिश्‍तों में खटास बढ़ गई थी. पार्टी और सिद्धू में नाराजगी खटास में तब बदली जब वह प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्‍व वाली पंजाब सरकार के खिलाफ मुखर हो गए. इस वजह से उन्होंने सरकार में सहयोगी अपनी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दीं.

राज्यसभा के बहाने साधने की हुई कोशि‍श
साल 2014 के आम चुनाव में जब अमृतसर सीट से सिद्धू की जगह अरुण जेटली को टिकट दिया गया तो इन रिश्‍तों में कड़वाहट घुल गई. पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. समझा जाता है कि इस बीच सिद्धू को राज्‍यसभा सदस्‍यता देकर बीजेपी ने संतुष्‍ट करने का प्रयास किया था. लेकिन सिद्धू नहीं ठहरे. राज्‍यसभा से इस्‍तीफा देकर उन्‍होंने बड़ा धमाका कर डाला था. प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अपना पक्ष रखते हुए उन्‍होंने कहा था, 'मैंने इस्तीफा दिया क्योंकि मुझसे कहा गया कि पंजाब की तरफ मुंह नहीं करोगे. आखिर मैं अपनी जड़, अपना वतन कैसे छोड़ दूं.'

पिछले दिनों सिद्धू के आम आदमी पार्टी से जुड़ने के कयासों ने भी खूब सुर्खि‍यां बटोरीं. खुद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इस बात की पुष्टि‍ की कि सिद्धू ने उनसे बात की थी.

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अकाली दल ने किया था सस्पेंड
बता दें कि राज्य में सत्तासीन अकाली दल ने पूर्व ओलंपियन और हॉकी कप्तान परगट सिंह और इंदरबीर सिंह बोलारिया को जुलाई महीने में पार्टी से सस्पेंड कर दिया. दोनों विधायकों पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है. कहा गया कि ये दोनों विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे. परगट सिंह पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी हैं. वह जालंधर कैंट से विधायक हैं. उन्हें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है.

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