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सिद्धू के AAP में शामिल होने पर सस्पेंस, बनना चाहते हैं सीएम कैंडिडेट

करीब महीनेभर पहले बीजेपी छोड़ने वाले नवजोत सिंह सिद्धू आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे या नहीं, इसे लेकर सस्पेंस बढ़ने लगा है.

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नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू

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करीब महीनेभर पहले बीजेपी छोड़ने वाले नवजोत सिंह सिद्धू आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे या नहीं, इसे लेकर सस्पेंस बढ़ने लगा है. राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू ने आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल से जो गुपचुप मुलाकातें की हैं, उसका कोई सकारात्मक नतीजा निकलता नजर नहीं आ रहा है. आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में सीएम कैंडिडेट बनाए जाने की मांग की है लेकिन पार्टी के नेता सिद्धू को स्टार प्रचारक के तौर पर चुनावी मैदान में उतारना चाहते हैं.

AAP सिद्धू को सीएम उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं
अगस्त की शुरुआत के साथ ही पार्टी के भीतर इस बात को लेकर चर्चा तेज थी कि केजरीवाल के विपश्यना से लौटते ही सिद्धू आम आदमी पार्टी में आधिकारिक तौर पर शामिल हो जाएंगे. लेकिन सूत्रों की माने तो नेताओं के साथ बातचीत सफल न होने की वजह से मामला खिंचतान चला जा रहा है. दरअसल आम आदमी पार्टी, नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के पक्ष में बिल्कुल नहीं है. इसकी एक बड़ी वजह सिद्धू पर लगा हत्या का आरोप है.

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सिद्धू अपने और पत्नी के लिए चाहते हैं टिकट
पंजाब में सत्ता की जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है और न ही बेवजह किसी विवाद में फंसना चाहती है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक तमाम नेताओं ने आम आदमी पार्टी के संविधान का हवाला देते हुए पति और पत्नी दोनों को टिकट देने से इनकार कर दिया है. इस संविधान में एक ही परिवार से 2 सदस्यों को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं दिया जाता है.

AAP में सिद्धू को लेकर मंथन जारी
सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी सिद्धू की पत्नी को पंजाब से चुनाव लड़ाने के अलावा इस बात को लेकर भी राजी हो गई थी कि अगर सरकार बनती है तो सिद्धू की पत्नी को मंत्री पद दिया जाएगा. लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के मुख्यमंत्री पद की जिद से बातचीत बिगड़ती दिख रही है. 19 जुलाई को नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा और बीजेपी से इस्तीफा दिया था. पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सिद्धू के पार्टी से जुड़ने का सस्पेंस अगर जल्द खत्म नहीं हुआ तो आम आदमी पार्टी की चिंता जरूर बढ़ सकती है.

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