नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी गुरुदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह का लाई डिटेक्टर टेस्ट करवा सकती है. बताया जा रहा है कि सलविंदर के लगातार बदलते बयानों की वजह से NIA ने यह कदम उठाने का फैसला किया है. गौरतलब है कि पठानकोट में हुए आतंकी हमले से पहले आतंकियों ने एसपी की गाड़ी का कथित तौर पर अपहरण कर लिया था.
एसपी और अन्य के बयानों में अंतर
एसपी का कहना है कि वह पठानकोट के पास स्थित एक धार्मिक स्थल पर दर्शन के लिए जा रहे थे, जहां वो नियमित दर्शन के लिए जाते रहे हैं. वहां से लौटते हुए पाकिस्तान से आए छह आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था. एसपी के बयान से उलट धार्मिक स्थल की देखभाल करने वाले सोमराज का कहना है कि 31 दिसंबर को उन्होंने पहली बार एसपी को वहां देखा था.
एसपी के लगातार बदलते बयान
NIA के एक अधिकारी के मुताबिक, 'एसपी लगातार अपने बयान बदल रहे हैं. तालूर गांव के धार्मिक स्थल पर दर्शन के लिए जाने और वहां से लौटने को लेकर उनके बयानों में एकरूपता नहीं है. हम उन्हें लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए दिल्ली या फिर बेंगलुरु ले जा सकते हैं.' हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि NIA यह टेस्ट कब कराएगी और इसके लिए एसपी ने अपनी सहमति दी है अथवा नहीं?
नीली बत्ती का गैर अधिकारिक प्रयोग
सूत्रों के मुताबिक NIA की टीम इस बात की भी जांच कर रही है कि एसपी ने अपने निजी वाहन पर नीली बत्ती का प्रयोग क्यों किया था, जबकि ऐसा करना गैरकानूनी है. इसी नीली बत्ती की वजह से कई चेक पोस्टों पर पुलिस ने उनके वाहन की तलाशी नहीं ली. आतंकवादियों ने एसपी की कार पठानकोट एयरबेस के बिल्कुल पास खड़ी की थी.
नहीं हुआ है एसपी का सस्पेंशन
वहीं दूसरी तरफ गुरुदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह अपनी बेगुनाही की बात को लगातार दोहरा रहे हैं. उनका कहना है, 'मैं पीड़ित हूं और किसी तरह से हत्यारों के चंगुल से अपनी जान बचाने में कामयाब रहा.' इस मामले में पंजाब पुलिस द्वारा सलविंदर को सस्पेंड करने की खबरों पर पंजाब पुलिस चीफ सुरेश अरोड़ा का कहना है कि एसपी सलविंदर को अभी तक सस्पेंड नहीं किया गया है.