मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बाद अब पंजाब के किसान भी कर्जमाफी के मुद्दे पर एकजुट होना शुरू हो गए हैं. प्रदेश के किसान कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर आंदोलन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के पंजाब अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल गुरुवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं के साथ एकजुट हुए और इन लोगों ने मीटिंग करके ये तय किया कि 10 जून को देश के दूसरे किसान संगठनों के साथ एक मीटिंग दिल्ली में की जाएगी. इसके बाद 12 जून से पंजाब में भी किसानों के कर्जमाफी के मुद्दे को लेकर आंदोलन शुरू किया जा सकता है.
कैप्टन ने किया था वादा
भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल ग्रुप) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किसानों से वादा किया था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे,
लेकिन सरकार बनने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने वायदे को भूल गए हैं और प्रदेश की खराब अर्थव्यवस्था की दलील दे रहे हैं.
किसान नेताओं ने सवाल किया कि क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह को किसानों से कर्जमाफी का वादा करते हुए इस बात की जानकारी नहीं थी कि जो उन्होंने उस वक्त किसानों के कर्जमाफी का वायदा किसानों के साथ कर दिया? बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि अगर आने वाले विधानसभा सत्र में पंजाब सरकार ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं किया तो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसा ही एक बड़ा आंदोलन पंजाब के किसान भी शुरू कर देंगे.
पूरे देश में जहां किसानों की कर्जमाफी और आत्महत्याओं के मुद्दे को लेकर हाहाकार मचा है, पंजाब भी इससे अछूता नहीं है. पंजाब में कांग्रेस की सरकार बने 2 महीने से ऊपर का वक्त हो चुका है और इस दौरान करीब 60 किसान कर्ज के बोझ की वजह से अपनी जान दे चुके हैं. बुधवार को चंडीगढ़ में हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में भी किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा उठा और कैप्टन सरकार के मंत्रियों ने ये रास्ता खोजने की कोशिश की कि पहले से ही भारी कर्ज में डूबी पंजाब सरकार किस तरह से किसानों को कर्जमाफी का तोहफा देखकर राहत दे सकती है.
पंजाब में किसानों के बढ़ रहे आत्महत्याओं का मामला अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है. पंजाब विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने किसानों को भरोसा दिया था कि प्रदेश में सरकार बनाने के बाद उनके कर्ज माफ कर दिए जाएंगे और इसके लिए बाकायदा उन्हें फॉर्म भी भरकर दिए गए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद फिलहाल कांग्रेस अभी किसानों से थोड़ा और वक्त मांग रही है और आने वाले बजट सत्र में किसानों के कर्ज माफी को लेकर कोई बड़ा ऐलान करने की बात कह रही है.
आम आदमी पार्टी मैदान में
किसानों की आत्महत्या और कर्जमाफी का वादा पूरा न करने को लेकर आम आदमी पार्टी सत्तासीन कांग्रेस पर हावी हो गई है. आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष एच एस फुल्का ने कहा कि वो पंजाब विधानसभा के स्पीकर को लिख चुके हैं कि किसानों के
बढ़ते आत्महत्या के मामलों को लेकर एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाई जाए और ऐसा न हुआ तो आने वाले बजट सत्र के दौरान किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं के मामलों को आम आदमी पार्टी विधानसभा में उठाएगी.
अगर पंजाब सरकार ने बजट सत्र में किसानों के कर्ज माफी को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं किया तो संभव है कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसा ही एक बड़ा आंदोलन पंजाब में भी खड़ा हो जाए, क्योंकि पंजाब के किसान भी कर्ज से बेहाल हैं और आए दिन किसानों की आत्महत्याओं की खबरें आती रहती हैं.