पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पुश्तैनी गांव जाती उमरा के लोग इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की जीत से खुश नहीं हैं. किसी समय शरीफ खानदान के पड़ोसी रहे लोगों को उनकी उम्मीद से विपरीत आए चुनाव परिणाम से दुख पहुंचा है.
मतगणना में हुई गड़बड़ियों के कारण जीते इमरान
पाकिस्तान मुस्लिम लीग PML(N) के प्रमुख शहबाज शरीफ द्वारा लगाए गए आरोपों को सही बताते हुए जाती उमरा के लोगों ने कहा कि इमरान खान अलगाववादी संगठनों और सेना की मदद से ही चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं. पाकिस्तान के आम चुनावों पर नजर रख रहे जाती उमरा के लोगों के मुताबिक मतगणना में हुई धांधलियों और सेना के प्रभाव के कारण पाकिस्तान मुस्लिम लीग और उसके नेताओं को कुचलने की कोशिश की गई जो जम्हूरियत के लिए सही नहीं है.
जाती उमरा के पूर्व सरपंच गुरबचन सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने चुनाव से पहले और बाद में चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की. जिससे नवाज शरीफ के खिलाफ हवा बनाई जा सके. स्थानीय निवासी हरदीप सिंह के मुताबिक पाकिस्तानी सेना और अलगाववादी संगठन नवाज शरीफ के पीछे पड़े थे. इमरान खान की पार्टी (PTI) सेना के सहयोग और दखलअंदाजी के कारण ही जीती है.
हाफिज सईद की पार्टी को मिली करारी हार पर खुशी
दिलबाग सिंह के मुताबिक उनको पाकिस्तान के चुनाव परिणाम सुनकर बहुत दुख हुआ. उन्होंने कहा कि चुनाव में जिन अधिकारियों को तैनात किया गया था उनसे इंसाफ की उम्मीद नहीं की जा सकती थी. दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान चुनाव परिणाम का जो खुशगवार पहलू है, वो ये कि जनता ने हाफिज सईद और उसकी पार्टी को नकार दिया है.
इमरान खान के पहली के विचार अच्छे और भारत के पक्ष में थे लेकिन जब उन्हें चुनावी कैंपेन किया तो उसमें वह भारत विरोधी होते रहे. यह अच्छा होगा कि इमरान खान नगर सेना की अगुवाई में और प्रभाव में काम न करें.
गुरपाल सिंह के मुताबिक पाकिस्तान मुस्लिम लीग PML(N) भले ही दूसरे नंबर पर रही हो लेकिन इस पार्टी ने पाकिस्तान के पंजाब में अपना वर्चस्व कायम रखा है. जिससे नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है. गुरपाल सिंह ने कहा कि नवाज शरीफ भले ही सरकार न बना पाए हों लेकिन उनकी पार्टी को हम फिर भी नंबर एक पर मानते हैं. नवाज शरीफ एक लोकप्रिय नेता हैं और लोगों के दिल में बसते हैं.