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पठानकोट हमले के बाद गुरदासपुर सेक्टर के DIG और कमांडेंट बदले, बॉर्डर पर सुरक्षा भी बढ़ाई

पठानकोट हमले के बाद आखिर बीएसएफ ने भी कार्रवाई कर ही दी. गुरदासपुर सेक्टर से अपने डीआईजी और कमांडेंट का तबादला कर दिया. हालांकि बीएसएफ ने तबादले का कारण कुछ बताया नहीं है, लेकिन इसे हमले के बाद की कार्रवाई के तौर पर ही देखा जा रहा है.

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पठानकोट एयरफोर्स के स्टेशन के पास सीमा पर तैनात जवान
पठानकोट एयरफोर्स के स्टेशन के पास सीमा पर तैनात जवान

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पठानकोट हमले के बाद बीएसएफ के दो शीर्ष अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है. गुरदासपुर सेक्टर से दोनों अधिकारी बदले गए हैं. डीआईजी एनके मिश्रा और कमांडेंट एसएस द्वास की जगह अब डीआईजी ए. श्रीनिवासन और कमांडेंट इंदर प्रकाश भाटिया को तैनात किया गया है.

क्यों किए गए तबादले?
केंद्र और राज्य दोनों जांचकर्ताओं का मानना है कि पठानकोट के हमलावर उसी रास्ते से आए थे, जिस रास्ते से दीनागनगर के आतंकी आए थे. गुरदासपुर के दीनानगर थाने पर पिछले साल जुलाई में आतंकी हमला हुआ था. इस इलाके से घुसपैठ न हो, इसकी जिम्मेदारी बीएसएफ पर ही है.

गुरदासपुर के गांव से ही घुसे थे आतंकी  
एनआईए ने भी अपनी प्रारंभिक जांच के बाद कहा है कि पठानकोट पर हमला करने आए आतंकी गुरदासपुर के बामियाल गांव से घुसे थे. इस गांव में पाकस्तानी ब्रांड के जूतों के निशान भी मिले हैं. जांच के मुताबिक बामियाल के पास बहती रावी नदी पर फेंसिंग में भी चूक हुई , जिसका आतंकियों ने फायदा उठाया.

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बीएसएफ कर चुकी है इनकार
हालांकि बीएएसएफ इससे इनकार कर चुकी है कि सुरक्षा में उसकी तरफ से कोई चूक रही है. साथ ही इसने पंजाब पुलिस के इस दावे को भी मानने से मना कर दिया है कि पठानकोट के आतंकी दीनानगर वाले रास्ते से ही आए थे. बीएसएफ का कहना है कि पंजाब पुलिस इसके सबूत भी नहीं दे पाई है.

पूरे इलाके में चला था ऑपरेशन
पठानकोट हमले के एक दिन बाद ही गृह मंत्रालय ने बीएसएफ को पंजाब और जम्मू के इलाकों में छानबीन करने के लिए ऑपरेशन चलाने को कहा था, ताकि आतंकियों की एंट्री के सबूत मिल पाएं. दीनानगर हमले के बाद भी ऐसे ही निर्देश दिए गए थे.

बॉर्डर पर कहां चूक
यूं तो पंजाब में 500 किलोमीटर लंबे बॉर्डर के बड़े हिस्से में फेंसिंग है, लेकिन रावी नदी वाले बड़े हिस्से में काफी गैप हैं. आतंकियों के लिए इस इलाके से घुसपैठ आसान है. इन इलाकों पर नजर रखने का जिम्मा गुरदासपुर और अमृतसर सेक्टर में तैनात बीएसएफ अधिकारियों पर है.

घुसपैठ रोकने की तैयारी क्या
घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ भारत-पाकिस्तान बॉर्डर इलाके में लेजर दीवारों की संख्या बढ़ाने जा रही है. इसके लिए 40 से ज्यादा संवेदनशील पॉइंट चुने गए हैं. पठानकोट हमले के बाद गृह मंत्रालय भी लेजर दीवारें खड़ी करने को प्राथमिकता दे रहा है. पंजाब में सभी नदी पट्टियों पर ये लेजर वॉल लगाई जाएंगी.

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