पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल गुस्से में हैं. गुस्सा हो भी क्यों ना, भांजे के घूसकांड में रेल मंत्रालय की कुर्सी जो चली गई.
दरअसल, बंसल साहब अपने समर्थकों के बीच बेगुनाही की सफाई देने आए थे. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जाते-जाते अचानक एक पत्रकार ने घोटाले के फैमिली कनेक्शन के बारे में कुछ पूछ दिया. फिर क्या था, भड़क गए बंसल साहब.
इससे पहले पवन बंसल ने समर्थकों की नारेबाजी के बीच खुद को पाक-सफाया बताया और परिवार की कंपनियों के आंकड़ों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया. समर्थकों की नारेबाजी के बीच उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि भांजे विजय सिंगला के साथ उनका कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है.
सच क्या है ये तो जांच से ही साफ होगा, लेकिन अभी यह भरोसा करना मुश्किल है कि रेल मंत्रालय में इतना बड़ा घपला चल रहा हो, सीधे-सीधे तत्कालीन रेल मंत्री का भांजा लिप्त हो तो भला कौन यकीन करे कि पवन बंसल को इसका पता नहीं होगा. सूत्रों के मुताबिक कॉल डिटेल्स के आधार पर सीबीआई उनसे पूछताछ की तैयारी में जुटी है.