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पंजाब में कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग, भाषण दे रहे किसान की मौत

पंजाब में किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ धरने के दौरान किसान की मौत की खबर सामने आ रही है.

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पंजाब में जारी है किसानों का विरोध (फाइल फोटो)
पंजाब में जारी है किसानों का विरोध (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कृषि कानूनों के खिलाफ जारी है किसानों का प्रदर्शन
  • तीनों कानूनों को रद्द करने की कर रहे हैं मांग
  • भाषण दे रहे एक किसान की गई जान

पंजाब में कृषि कानून के खिलाफ किसानों का धरना लगातार जारी है. ये सभी किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ धरनों के दौरान किसानों की मौत के मामले भी सामने आ रहे हैं. मोगा के कस्बा बाघापुराना के पास टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों में भाषण के दौरान घबराहट के बाद 50 वर्षीय जगरूप सिंह की मौत हो गई.

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मृतक की पत्नी करमजीत कौर ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि उनके पति भारतीय किसान एकता उगरा हां की तरफ से लगातार टोल प्लाजा पर धरने में शामिल होते थे और आज भाषण के दौरान उनको घबराहट हुई. जिसके बाद उनके साथी किसान की तरफ से उन्हें नजदीक के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए मोगा भेज दिया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया.

धरने में शामिल एक औरत ने बताया कि जगरूप सिंह की मौत की वजह यह कृषि कानून है. उन्होंने कहा मृतक जगरूप सिंह सिर्फ और सिर्फ इस कानून से परेशान थे.

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वहीं भारतीय किसान यूनियन एकता उगरा हां की तरफ से हरमंदर सिंह ने बताया कि जगरूप सिंह लगातार धरने में शामिल होकर स्टेज संभालते थे. वह जब भाषण दे रहे थे तो यह बता रहे थे कि यह खेती-बाड़ी कानून लागू होने से आने वाले दिनों में किसानी खत्म हो जाएगी और उनके बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा, इसी दौरान उनको घबराहट होने लगी. बाद में उन्हें मोगा के निजी अस्पताल ले जाया गया,  जहां उन्हें मृत करार दे दिया गया.

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किसान नेता ने सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए मांग की है कि मृतक के परिवार को ₹10 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए. 

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