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भिंडरावाले से तुलना, गुरुद्वारे में जलाईं कुर्सियां... कौन है अमृतसर को सुलगाने वाला अमृतपाल सिंह?

पंजाब के अमृतसर में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के करीबी की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को खासा बवाल हो गया. अमृतपाल के समर्थकों ने अजनाला थाने का पहले घेराव किया, फिर तोड़फोड़ कर दी. विरोध प्रदर्शनों के बीच पंजाब पुलिस ने कहा है कि वो अमृतपाल के करीबी सहयोगी लवप्रीत तूफान को शुक्रवार को रिहा करेगी. हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि मांग पूरी नहीं हुई तो फिर आंदोलन करेंगे.

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'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह. (फाइल फोटो)
'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह. (फाइल फोटो)

पंजाब के अमृतसर में 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने गुरुवार को जमकर बवाल काटा. अमृतपाल के समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया. इस घटना में 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. अमृतपाल सिंह का कहना है कि बीते सप्ताह हमारे एक सहयोगी (लवप्रीत तूफान) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वह निर्दोष है. उसे परेशान किया जा रहा है. अमृतपाल सिंह ने FIR से उसका नाम नहीं हटाए जाने पर थाने का घेराव करने की धमकी दी थी. जानिए कौन है अमृतपाल सिंह...

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खालिस्तानी विचारधारा का समर्थक अमृतपाल सिंह (30 साल) पंजाब में 'वारिस पंजाब दे' संगठन संचालित करता है. ये संगठन एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने बनाया था. बाद में 15 फरवरी 2022 को दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी, जिसके बाद इस संगठन की कमान कुछ महीने पहले ही दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली और वो इसका प्रमुख बन गया. उसने किसान आंदोलन में भी रुचि दिखाई थी. दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया. 

अमृतपाल 2012 में दुबई चला गया था. वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके ज्यादातर रिश्तेदार दुबई में रहते हैं. अमृतपाल ने शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्कूल में पूरी की. उसने 12वीं तक पढ़ाई की है. 

गुरुद्वारे की कुर्सी और सोफा जलाने से चर्चा में आया था अमृतपाल

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अमृतपाल अक्सर अपने हथियारबंद समर्थकों के साथ पंजाब में काफी सक्रिय देखा जा रहा है. अमृतपाल पिछले साल तब सुर्खियों में आया था, जब समर्थकों ने जालंधर में मॉडल टाउन गुरुद्वारे की कुर्सियां ​​जला दी थीं. उन्होंने कहा था कि वो गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं के लिए कुर्सी और सोफा रखने का विरोध करते हैं, क्योंकि यह सिख धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ है. अमृतपाल ने कहा था कि क्या हम गुरु साहिब के बराबर बैठ सकते हैं? यहां गुरुद्वारे को कुर्सियां-सोफे लगाकर पैलेस बना रखा है. उसके बाद समर्थकों ने धारदार हथियारों से सभी कुर्सियों-सोफों की गद्दियां फाड़ डाली. सभी कुर्सियों और सोफों को गुरुद्वारे से बाहर फेंका और तेल डालकर जला डाला. हाल ही में अमृतपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी देते हुए कहा था कि उनका भी वही हाल होगा, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का हुआ था.

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सुधीर सूरी हत्याकांड में भी नाम सामने आया था

अमृतपाल जरनैल सिंह भिंडरावाले का समर्थक है. उसे खालिस्तानी समर्थक माना जाता है. समानता के कारण उसको भिंडरावाले 2.0 कहा जा रहा है. अमृतपाल का नाम पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में भी सामने आया था. सुधीर सूरी के परिवार ने हत्याकांड में अमृतपाल सिंह का नाम भी शामिल करने की मांग की थी. उसके बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह को मोगा के गांव सिंगावाला में नजरबंद कर दिया था. दरअसल, अमृतपाल जालंधर के विशाल नगर में कीर्तन के लिए रवाना होने वाला था, तभी पुलिस ने गुरुद्वारा के पास अमृतपाल को नजरबंद कर दिया था.

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भिंडरावाले से तुलना क्यों?

29 सितंबर 2022 को 'वारिस पंजाब दे' संगठन की पहली वर्षगांठ पर मोगा जिले के रोडे गांव में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसी प्रोग्राम में अमृतपाल को संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था. माना जाता है कि कार्यक्रम स्थल का चयन काफी रणनीतिक था, क्योंकि यह जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है. भिंडरावाले की तरह अमृतपाल भी नीली गोल पगड़ी पहनता है. अपने सफेद कपड़ों में एक छोटी कृपाण रखता है और भड़काऊ भाषण भी देता है, इससे कट्टरपंथी सिख युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है.

10 फरवरी को ब्रिटेन की लड़की से शादी की

अमृतपाल सिंह यहां अमृतसर के पास स्थित जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है. उसके बारे में कहा जाता है कि वो युवाओं को संगठन से जोड़ने के लिए भड़काऊ भाषण देता है. अमृतपाल सिंह ने 10 फरवरी को पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में एक सादे समारोह में ब्रिटेन की रहने वाली एनआरआई लड़की किरणदीप कौर के साथ शादी की है. अमृतसर में बाबा बकाला के एक गुरुद्वारे में आयोजित 'आनंद कारज' में दोनों पक्षों के परिवार के सदस्य शामिल हुए थे. किरणदीप का परिवार मूलत: जालंधर के कुलारां गांव का है. कुछ समय पहले परिवार इंग्लैंड में बस गया था.

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अमृतपाल सिंह ने 10 फरवरी को शादी की है. (फोटो- सोशल मीडिया)

'शादी के बाद पंजाब में ही रहेगी पत्नी'

अमृतपाल ने बताया था कि करीब एक साल से उनकी किरणदीप कौर से बातचीत चल रही थी. यह पूछे जाने पर कि क्या वो अपनी एनआरआई पत्नी के साथ यहां रहेगा, क्योंकि वह खुद युवाओं से विदेश नहीं जाने के लिए कहता है? इस पर अमृतपाल ने कहा था कि उनकी शादी रिवर्स माइग्रेशन का एक उदाहरण है. वो और उनकी पत्नी पंजाब में ही रहेगा.

अमृतसर में क्यों कटा बवाल...

रूपनगर जिले के चमकौर साहिब निवासी वरिंदर सिंह को कथित रूप से अगवा करने और पिटाई करने के आरोप में पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज किया था. बाद में पुलिस ने अमृतपाल के करीबी सहयोगी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी. गुरुवार को तलवारें और अन्य हथियार लेकर अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में समर्थक अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने में घुस गए. उन्होंने पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेड्स को तोड़ दिया. पुलिस थाने में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने परिसर में धरना शुरू कर दिया था.

बैरिकेड्स तोड़कर थाने में घुसे समर्थक

इससे पहले अमृतपाल के समर्थकों को अजनाला जाने से रोका गया तो उन्होंने कपूरथला जिले के ढिलवां टोल प्लाजा पर बीच सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया. बाद में पुलिस ने उन्हें अजनाला थाने की ओर मार्च जारी रखने की अनुमति दे दी. उनके विरोध के कारण अमृतसर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ देर के लिए जाम लग गया. अमृतपाल और उनके समर्थकों को पुलिस ने अजनाला बस स्टैंड पर बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया. हालांकि, उन्होंने बैरिकेड्स तोड़कर अपना रास्ता बना लिया और पुलिस से झड़प के बाद थाने के अंदर प्रवेश करने में भी कामयाब रहे. उन्होंने पुलिस से अमृतपाल सिंह और समर्थकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए कहा और विरोध प्रदर्शन करने की धमकी भी दी.

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पीड़ित ने क्या आरोप लगाए हैं...

डीएसपी संजीव कुमार के मुताबिक, पीड़ित वरिंदर सिंह ने बताया कि वह जिला चमकौर साहिब के गांव सलेमपुर का रहने वाला है. वह सिख धर्म का प्रचार कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है. कुछ महीने पहले विदेश से आया अमृतपाल सिंह भी सिख धर्म का प्रचार और नशे के खिलाफ वीडियो इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किया करता था. शिकायतकर्ता ने बताया कि वह अक्सर अमृतपाल सिंह की वीडियो को लाइक व शेयर किया करता है. अमृतपाल के साथी कारों में सवार होकर आए और उसे जबरन उठाकर खेतों में ले गए. वहां अमृतपाल सिंह अपने 15-20 साथियों के साथ पहले से मौजूद था. आरोपितों ने उसके साथ बुरी तरह मारपीट की. वरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि मारपीट करने वालों ने उससे मोबाइल और ₹2000 नकदी भी छीन लिए. उसके बाद आरोपियों ने उसे धमकाया कि वह उसके यहां पंजाब में रहने वाले और विदेश में रहने वाले सभी रिश्तेदारों को जानते हैं. अगर उसने मुंह खोलने का प्रयास किया तो वह सभी रिश्तेदारों को नुकसान पहुंच जाएंगे.

'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह. (फाइल फोटो)

क्या कहा अमृतपाल सिंह ने...

सिर्फ एक राजनीतिक मकसद से FIR दर्ज की गई. अगर वे एक घंटे में मामले को रद्द नहीं करते हैं तो आगे जो कुछ भी होगा उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा. उन्हें लगता है कि हम कुछ नहीं कर सकते, इसलिए ये शक्ति प्रदर्शन जरूरी था. इससे पहले अमृतपाल ने कहा था- मेरा एक साथी निर्दोष है और उसे प्रताड़ित किया जा रहा है. हम खालिस्तान के मामले को बहुत शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. अमृतपाल सिंह ने कहा- दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खालिस्तान आंदोलन का विरोध करने की कीमत चुकाई. कोई भी हमें रोक नहीं सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान. उन्होंने कहा- मेरे और मेरे समर्थकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं.

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बीजेपी ने कहा- अमृतपाल पर इतनी नरमी क्यों?

इससे पहले अमृतपाल सिंह ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 'हश्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा.' इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने हमला बोला था. पार्टी के प्रवक्ता आरपी सिंह खालसा ने पूछा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार अमृतपाल सिंह पर नरम क्यों है.

 

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