पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को सतलुज यमुना संपर्क (एसवाईएल) नहर से जुड़ा मुद्दा उठाया गया. एसवाईएल निर्माण के खिलाफ विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर दिया. उनका तर्क था कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है.
हरियाणा ने पंजाब पर सारी हदें पार करने का आरोप लगाते हुए केद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि इस संबंध में जारी आदेश को लागू न करने देने की कोशिशें की जा रही हैं और ऐसे में अदालत खामोश नहीं बैठेगी.
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने विधानसभा में ये कहते हुए प्रस्ताव दिया कि उनका राज्य पानी की कमी से जूझ रहा है. उके पास किसी और राज्य को देने के लिए एक भी बूंद नहीं है.
इस विवाद से दिल्ली भी अछूता नहीं है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नहर के निर्माण का विरोध किया है. वहीं दिल्ली वालों को इस कनाल के न बनने से हरियाणा से मिलने वाले पानी में 25 फीसदी कमी आएगी.