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पंजाब चुनाव: बसपा के बाद CPI और CPM के साथ गठबंधन की कोशिश में अकाली दल

अकाली दल सत्ताधारी कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए CPI और CPM के साथ गठबंधन की कोशिश में जुटा है. अकाली दल ने पिछले साल कृषि कानूनों को लेकर अपनी पुरानी सहयोगी भाजपा से नाता खत्म कर लिया था.

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सुखबीर सिंह बादल (फाइल फोटो- आज तक)
सुखबीर सिंह बादल (फाइल फोटो- आज तक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 1967 में भी CPM से गठबंधन कर चुका अकाली दल
  • 2022 में बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा अकाली दल

पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी क्रम में अब शिरोमणि अकाली दल बसपा के बाद लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन की कोशिश में जुट गया है. 

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एजेंसी के मुताबिक, अकाली दल सत्ताधारी कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए CPI और CPM के साथ गठबंधन की कोशिश में जुटा है. अकाली दल ने पिछले साल कृषि कानूनों को लेकर अपनी पुरानी सहयोगी भाजपा से नाता खत्म कर लिया था. 

बसपा से किया गठबंधन

अकाली दल ने जून में बसपा से गठबंधन किया. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि अकाली दल के नेता सीपीआई और सीपीआई (एम) के नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं, ताकि गठबंधन हो सके. वहीं, जब इस बारे में सीबीआई (एम) पंजाब के सचिव सुखविंदर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा, अकाली दल के नेताओं के साथ बैठक तो हुई है, लेकिन अभी कुछ तय नहीं हुआ.

उन्होंने कहा,  अभी कुछ मुद्दों पर और चर्चा की जरूरत है, उसके बाद गठबंधन के बारे में एक स्पष्ट तस्वीर सामने आ सकती है. इससे पहले 1967 में सीपीआई (एम) और अकाली दल ने गठबंधन किया था और राज्य में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनाई थी. कम्युनिस्ट नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने उस सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाई थी. 

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25 साल बाद साथ आए बसपा और अकाली दल

उधर, बसपा और अकाली दल 25 साल के लंबे अंतराल के बाद साथ आए हैं. दोनों पार्टियों ने 1996 में लोकसभा चुनाव साथ लड़ा था और 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की थी. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो अकाली दल 117 सीटों वाले पंजाब में सिर्फ 15 पर जीत हासिल कर पाया था. 
 


 

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