चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर से तीनों सीटों पर कब्जा किया है. चंडीगढ़ मेयर, डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला था. भाजपा ने बहुमत और नंबर के हिसाब से फिर से आम आदमी पार्टी को 1 वोट से तीनों पोस्टों में शिकस्त दी, जबकि कांग्रेस और अकाली दल ने फिर से चुनावों का बहिष्कार किया जिसकी वजह से भाजपा फिर से अपना किला बचाने में कामयाब रही.
पिछले 8 सालों से चंडीगढ़ में मेयर की कुर्सी पर भाजपा का कब्जा है लेकिन 2021 चुनाव में जिस तरह से आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी उसके बाद से चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव का मुकाबला कड़ा और दिलचस्प हो गया. आम आदमी पार्टी ने पहली बार चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में 14 पार्षदों के साथ अपनी मजबूत दावेदारी पेश की जबकि भाजपा के 14 काउंसलर और एक वोट चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर के बलबूते अपना किला ढहने से बचा दिया.
वहीं कांग्रेस पार्टी के छह काउंसलर और अकाली दल के एक पार्षद ने फिर से चुनावों का बहिष्कार किया जिसकी वजह से भाजपा आसानी से नंबर के बलबूते काबिल हो गई. भाजपा के चंडीगढ़ के प्रधान अरुण सूद ने आज तक से बातचीत में बताया कि लोकतंत्र में हमेशा नंबर का महत्त्व होता है और भाजपा के पास बहुमत था जिसके बलबूते भाजपा तीनों सीटों पर काबिज हो पाई. अरुण सूद ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने भरपूर कोशिश की कि वह उनके काउंसलर को खरीद सके लेकिन तमाम पार्षदों ने अपने ईमान और पार्टी की विचारधारा को आगे रखकर उनके बहकावे में नहीं आए. उसके अलावा अरुण सूद ने दावा किया कि उनका अकाली दल के साथ 25 साल तक जरूर गठबंधन रहा है लेकिन अब उनके रास्ते अलग हैं.
वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि भाजपा द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार और झूठे हैं
अगर यह जनता के फतवा की बात करते हैं तो देख लें कि 2021 नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और अगर कांग्रेस पार्टी के दो पार्षद भाजपा को ना ज्वाइन करते तो आज आम आदमी पार्टी तीनों सीटों पर काबिज होती...
जब चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रधान हरमोहिंदर सिंह लक्की से बात की तो उनका कहना है कि हमारे सभी काउंसलर एकजुट रहे और आम आदमी पार्टी और भाजपा के लालच में नहीं आए. तमाम पार्षदों ने कांग्रेस पार्टी की विचारधारा पर खड़े होकर अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा दिखाई. हरमोहिंदर सिंह लक्की ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की तरफ से उन्हें और उनके पार्षदों को लाल चौक खरीदने की खूब कोशिश की गई थी. जब हरमोहिंदर सिंह लक्की से पूछा गया कि उन्होंने चुनाव का बहिष्कार क्यों किया, उनका कहना था कि चंडीगढ़ की जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का फतवा दिया है और अगर जोड़-तोड़ करके चुनाव लड़ते तो आम आदमी पार्टी और भाजपा की तरह उन्हें भी अनैतिक काम करना पड़ जाता.