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डोप टेस्ट पर पंजाब की सियासत तेज, विपक्ष ने उठाई CM के टेस्‍ट की मांग

बता दें, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ना सिर्फ नई भर्तियों के दौरान बल्कि हर साल होने वाले प्रमोशन और एनुअल रिपोर्ट तैयार किए जाने के दौरान भी कर्मचारियों का डोप टेस्ट करवाने के लिए नियम बनाने और नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए हैं.

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सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह

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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के तमाम कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य कर दिया है. अब इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है. कर्मचारी यूनियन के नेताओं का कहना है कि अगर पंजाब सरकार कर्मचारियों का डोप टेस्ट करवाना चाहती है तो पंजाब के तमाम आईएएस और आईपीएस अफसरों और मंत्रियों, विधायकों का भी डोप टेस्ट होना चाहिए. वहीं, विपक्षी पार्टियों ने भी कर्मचारी नेताओं के सुर में सुर मिलाते हुए मुख्यमंत्री के डोप टेस्ट की मांग की है.

बता दें, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ना सिर्फ नई भर्तियों के दौरान बल्कि हर साल होने वाले प्रमोशन और एनुअल रिपोर्ट तैयार किए जाने के दौरान भी कर्मचारियों का डोप टेस्ट करवाने के लिए नियम बनाने और नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए हैं.

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सीएम के इस ऐलान के साथ ही पंजाब की राजनीति में डोप टेस्ट करवाने की होड़ मच गई. सबसे पहले आम आदमी पार्टी के पंजाब स्टेट को-प्रेसिडेंट और विधायक अमन अरोड़ा मोहाली के सिविल हॉस्पिटल पहुंचे और डोप टेस्ट के लिए अपना सैंपल दिया. सैंपल देने के बाद अमन अरोड़ा ने मांग की कि सरकार से जुड़े लोगों को एक मिसाल कायम करते हुए सीनियर लेवल के विधायकों और मंत्रियों को सबसे पहले अपना डोप टेस्ट करवाना चाहिए.

अमन अरोड़ा ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी डोप टेस्ट करवाने की मांग की. उन्‍होंने कहा, ना सिर्फ तमाम राजनीतिक लोग डोप टेस्ट करवाएं बल्कि ये प्रण भी करें कि वो ड्रग्स की सप्लाई के मामलों में पकड़े जा रहे किसी भी व्यक्ति को छुड़वाने के लिए पुलिस थानों में सिफारिश नहीं करेंगे.

अमन अरोड़ा डोप टेस्ट करवा कर निकले तो उनके पीछे-पीछे पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा भी पहुंच गए. हालांकि एक बीमारी की वजह से कुछ खास दवाइयां ले रहे तृप्त राजिंदर बाजवा का सैंपल डॉक्टरों ने नहीं लिया और उनका डोप टेस्ट भी नहीं हो सका. लेकिन तृप्त राजेंद्र बाजवा ने भी तमाम विधायकों और मंत्रियों के डोप टेस्ट की बात दोहराई और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी डोप टेस्ट करवाने से पीछे नहीं हटेंगे.

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वहीं, अकाली दल ने भी पंजाब के तमाम 117 विधायकों का डोप टेस्ट करवाने की मांग की और कहा कि डोप टेस्ट करवाने में कोई भी बुराई नहीं है. अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि अगर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब से ड्रग्स के खात्मे को लेकर अगर कोई और भी कड़ा कदम उठाते हैं तो ऐसे में अकाली दल राजनीति को पीछे छोड़कर उनके साथ खड़ा होगा.

बता दें, पंजाब में पिछले 33 दिनों में ड्रग्स के ओवरडोज की वजह से 47 लोगों की जान जा चुकी है. इसी वजह से सवालों से घिरी पंजाब सरकार एक के बाद एक कड़े फैसले लेकर ड्रग्स के खिलाफ कड़ा संदेश देने की कोशिश में लगी है. पहले पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ड्रग सप्लायर्स के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए केंद्र सरकार से सिफारिश की और उसके बाद पंजाब के तमाम सरकारी मुलाजिमों के लिए डोप टेस्ट हर साल अनिवार्य कर दिया. लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि क्या पंजाब सरकार अपने तमाम अफसरों और विधायकों, मंत्रियों, सांसदों का भी डोप टेस्ट करवाएगी या नहीं?

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