दिल्ली-एनसीआर में जानलेवा हवा के लिए पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि राजधानी में जानलेवा हवा के लिए हरियाणा और पंजाब में जलाई जा रही पराली ज्यादा जिम्मेदार हैं. वहीं उनके ही आम आदमी पार्टी के पंजाब अध्यक्ष पराली जलाकर बैन का विरोध कर रहे हैं. ऐसे दोहरे रवैये के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में समाधान के लिए दखल देने का आग्रह किया है.
पराली जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी और उत्तरी राज्यों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. ऐसे में पंजाब सीएम ने पराली फसल का अवशेष के प्रबंधन के लिए किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल का मुआवजा दिए जाने की मांग भी है. मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि पराली जलाने की खतरनाक प्रवृति की जांच करवाने का आग्रह किया है.पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इससे पहले पांच जुलाई को भी प्रधानमंत्री से यह मांग की थी. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस मसले पर केंद्रीय कृषि, खाद्य व पर्यावरण मंत्रालयों के मंत्रियों और प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मीटिंग बुलाने की भी मांग की है.
आपको बता दें कि पंजाब सरकार ने पराली जलाना रोकने के लिए अपने ऊपर सारा बोझ लेने से इनकार कर दिया है. दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बरार ने पराली जलाने पर रोक को लेकर तीन सुझाव पेश पेश किए हैं.
इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि जब तक हरियाणा औऱ पंजाब में पराली जलाना बंद नहीं होगा, तब तक प्रदूषण की समस्या से निजात नहीं मिलेगी. केजरीवाल ने यहां तक कहा कि इन सब मुद्दों पर वह हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों से मिलने के लिए वक्त मांग रहे हैं, लेकिन उनके पास मिलने का वक्त तक नहीं है.