पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर निशाना साधा. सीएम मान ने कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई में पकड़े गए सभी सिख युवाओं को छोड़ने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार को अल्टीमेटम देकर जत्थेदार लोगों को 'भड़का' रहे हैं. इसके साथ ही भगवंत मान ने जत्थेदार पर बादल परिवार का पक्ष लेने का भी आरोप लगाया.
सीएम मान ने कहा कि सभी जानते हैं कि आप (अकाल तख्त) और सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) बादलों का पक्ष लेते रहे हैं. बादल परिवार ने कई जत्थेदारों का अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया है. अच्छा होता कि आप बेअदबी और श्री गुरुग्रंथ साहिब के गायब स्वरूपों के लिए अल्टीमेटम जारी करते न कि हंसते-बसते लोगों को भड़काने के लिए.
197 सिख युवाओं को रिहा किया गया
वहीं पंजाब के सीएम की प्रतिक्रिया पर जत्थेदार ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें निर्दोष सिख युवाओं के बारे में बोलने का अधिकार और कर्तव्य है. पंजाब पुलिस ने अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ कार्रवाई पर रविवार को कहा कि उसने हिरासत में लिए 353 में से 197 लोगों को रिहा कर दिया है.
सिख युवाओं पर रासुका लगाने की निंदा
बता दें कि जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने के लिए राज्य सरकार की निंदा की थी. अकाल तख्त के जत्थेदार ने अमृतसर में 18 मार्च को अमृतपाल सिंह के खिलाफ शुरू हुई पुलिसिया कार्रवाई के बाद पंजाब की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुद्धिजीवियों, सिख वकीलों, पत्रकारों, धार्मिक और सामाजिक नेताओं समेत सिख संगठनों की बैठक बुलाई थी.
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने क्या कहा था?
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि इस देश में लाखों लोग हैं जो हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं. जो भी लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं, उन पर भी केस दर्ज होना चाहिए. उन पर भी NSA के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. अगर उन पर एक्शन होगा तो हम भी परिणाम भुगतने को तैयार रहेंगे. हरप्रीत सिंह ने मांग की है कि पंजाब के जिन भी नौजवान युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए. यहां तक कहा गया है कि अगर पंजाब के नौजवानों को पुलिस ने नहीं छोड़ा तो कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं होगा, लेकिन कूटनीतिक तरीके से उचित जवाब दिया जाएगा.