पंजाब की अमरिंदर सरकार ने शनिवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया और 9 विधायकों को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. साथ ही बतौर राज्यमंत्री काम कर रही दो महिला मंत्रियों को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया. हालांकि पंजाब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कैबिनेट विस्तार में जगह न मिलने पर नाराजगी जताई है.
कई विधायकों ने दिया इस्तीफा
मंत्रिमंडल विस्तार तय होने के बाद से ही पंजाब कांग्रेस में बगावत के सुर उठे थे और कई सीनियर विधायकों ने उन्हें नजरअंदाज करके कम अनुभवी विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का आरोप लगाया. वहीं कई सीनियर विधायकों ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस में अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया.
हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस हाईकमान डैमेज कंट्रोल करने में कामयाब रहे, जिसके बाद नाराज विधायकों ने अपनी नाराजगी तो दिखाई, लेकिन पार्टी के साथ खड़े रहने की बात और आलाकमान की बात को कबूलने की बात भी कही.
वादों को पूरा करेगी कांग्रेस
मंत्रिमंडल में शामिल हुए नए मंत्रियों ने भी भरोसा दिया कि वो सबको साथ लेकर चलेंगे और उनके जो साथी विधायक नाराज हैं उन्हें भी मना लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस जो वादे करके सरकार में आई है, उन वादों को पूरा करने के लिए कांग्रेस के नेता, मंत्री और विधायक मिलकर काम करेंगे.
मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान विधायकों की नाराजगी का अहसास पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ को भी है. इसी वजह से नाराज विधायकों को आने वाले वक्त में कई स्टेट बोर्डों और आयोगों का चेयरमैन बनाकर एडजस्ट किया जा सकता है.
पार्टी की अंदरूनी सियासत के बीच राज्य को 9 ऐसे कैबिनेट मंत्री मिले जो पहली बार मंत्री पद पर आसीन हुए हैं.
1. ओपी सोनी
2. राणा गुरमीत सोढ़ी
3. सुखविंदर सिंह रंधावा
4. गुरप्रीत सिंह कांगड़
5. सुखविंदर सिंह सरकारिया
6. बलबीर सिंह सिद्धू
7. विजय इंद्र सिंगला
8. सुंदर श्याम अरोड़ा
9. भारत भूषण आशु
इनके अलावा पहले से ही राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत दो महिला राज्य मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री के पद पर प्रमोट किया गया. रजिया सुल्ताना और अरुणा चौधरी ने कैबिनेट मंत्री पद पर शपथ ली.
बता दें कि पंजाब मंत्रिमंडल का विस्तार पिछले लंबे वक्त से प्रस्तावित था, लेकिन राहुल गांधी की व्यस्तता की वजह से कैबिनेट विस्तार के लिए नाम तय नहीं हो पा रहे थे. भले ही पंजाब कैबिनेट के विस्तार के दौरान राहुल गांधी की रजामंदी ली गई हो, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मंत्रिमंडल विस्तार में अपने नजदीकी विधायकों को मंत्री पद दिलवाने और नाम तय होने की प्रक्रिया के दौरान अपनी बात मनवाने में पूरी तरह से कामयाब रहे हैं.
कई विधायकों ने जताई नाराजगी
पंजाब मंत्रिमंडल विस्तार में जगह न पाने पर कांग्रेस के कई विधायकों ने नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही विधायकों ने अपनी नाराजगी जताई. इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस विधायक संगत सिंह गिल जियां ने इस मुद्दे पर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ( एआईसीसी ) और पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके एक दिन बाद नवतेज सिंह चीमा और गुरकीरत सिंह कोटली ने अपनी नाराजगी जताई.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते एवं खन्ना से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा कि पार्टी के लिए चुनाव जीत चुके पुराने और पारंपरिक परिवारों को मंत्रिमंडल में पद के लिए विचार करना चाहिए.
वहीं नवतेज सिंह चीमा ने कहा, 'मैं मंत्री बनने के सभी मानदंडों पर खरा उतरता हूं, लेकिन एक कनिष्ठ व्यक्ति को शामिल किया गया. मैंने तीन चुनाव लड़े और तीनों जीते हैं. कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी से विधायक चीमा ने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि दोआबा क्षेत्र को नजरअंदाज किया गया.