पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कृषि कानूनों के खिलाफ धरना देने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं. जंतर-मंतर पर धरना देने से पहले वह राजघाट पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद जंतर-मंतर पर धरना देने के लिए बैठे. कैप्टन अमरिंदर के साथ पंजाब से कांग्रेस के विधायक और अन्य नेता भी पहुंचे. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी धरना दिया.
धरना देने के बाद दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2.30 बजे कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई है. इसमें अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा. कृषि कानूनों पर कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि गांधी जी ने 1909 में कहा था कि भारत का मतलब लाखों किसान होता है. हमारा इरादा राष्ट्रपति से मिलने का था. इसमें राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं थी.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'हमारा बिल राष्ट्रपति तक नहीं पहुंचा है. मैंने एक सप्ताह पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बात की थी. किसान संगठन साफ कर चुके हैं कि वो रेल सेवाओं को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. मैं स्टेशनों पर पुलिस तैनात करने के लिए तैयार हूं. रेल सेवा बंद होने से राज्य में कोयला की कमी हो गई है. इसकी वजह से बिजली की किल्लत हो गई है. सीएम ने कहा कि हम स्टॉक से खरीद रहे हैं. मार्च से कोई GST का पैसा नहीं मिला है. 10,000 करोड़ रुपये सरकार के पास बकाया है. हमारे साथ सौतेला बर्ताव किया जा रहा है.'
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असल में, रेलवे ने पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के कारण मालगाड़ियों की आवाजाही 7 नवंबर तक रोक दी है. केंद्र सरकार का कहना है कि अगर पंजाब सरकार रेलवे ट्रैक और मालगाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है तभी मालगाड़ियों का परिचालन किया जाएगा. मालगाड़ियों के बंद होने से पंजाब में थर्मल पावर प्लांट्स को कोयले की सप्लाई नहीं हो पा रही है. इससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है. पंजाब में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर भी असर पड़ा. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री धरना देने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं.