scorecardresearch
 

केंद्रीय मंत्री बोलीं- जो पंजाबियों को बोलते थे नशेड़ी पहले उनका हो डोप टेस्ट

दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और अकाली दल नेता हरसिमरत कौर ने कहा कि जो भी नेता 70 फीसदी पंजाबियों को नशेड़ी कहते थे, उनका सबसे पहले डोप टेस्ट होना चाहिए.

Advertisement
X
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर (फाइल)
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर (फाइल)

Advertisement

पंजाब में कांग्रेस सरकार के द्वारा राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य करने के फैसले पर राजनीति तेज हो गई है. विपक्ष समेत कर्मचारी यूनियन की मांग है कि अगर कर्मचारियों का टेस्ट हो रहा है तो सभी मंत्री और नेताओं को भी ऐसा ही कराना चाहिए.

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा है कि वह डोप टेस्ट करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अन्य चुने हुए विधायकों का फैसला वे खुद करें. दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और अकाली दल नेता हरसिमरत कौर ने कहा कि जो भी नेता 70 फीसदी पंजाबियों को नशेड़ी कहते थे, उनका सबसे पहले डोप टेस्ट होना चाहिए.

बता दें, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ना सिर्फ नई भर्तियों के दौरान बल्कि हर साल होने वाले प्रमोशन और एनुअल रिपोर्ट तैयार किए जाने के दौरान भी कर्मचारियों का डोप टेस्ट करवाने के लिए नियम बनाने और नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए हैं.

Advertisement

नेताओं में लगी डोप टेस्ट कराने की होड़

गौरतलब है कि सीएम के इस ऐलान के साथ ही पंजाब की राजनीति में डोप टेस्ट करवाने की होड़ मच गई. सबसे पहले आम आदमी पार्टी के पंजाब स्टेट को-प्रेसिडेंट और विधायक अमन अरोड़ा मोहाली के सिविल हॉस्पिटल पहुंचे और डोप टेस्ट के लिए अपना सैंपल दिया.

सैंपल देने के बाद अमन अरोड़ा ने मांग की कि सरकार से जुड़े लोगों को एक मिसाल कायम करते हुए सीनियर लेवल के विधायकों और मंत्रियों को सबसे पहले अपना डोप टेस्ट करवाना चाहिए.

अमन अरोड़ा ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी डोप टेस्ट करवाने की मांग की. उन्‍होंने कहा, ना सिर्फ तमाम राजनीतिक लोग डोप टेस्ट करवाएं बल्कि ये प्रण भी करें कि वो ड्रग्स की सप्लाई के मामलों में पकड़े जा रहे किसी भी व्यक्ति को छुड़वाने के लिए पुलिस थानों में सिफारिश नहीं करेंगे.

Advertisement
Advertisement