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पंजाब की 5 फर्मों पर ईडी का छापा, अमेरिकी वीजा हासिल करने के लिए ऐसे करते थे धोखाधड़ी

ईडी ने बताया कि आरोपियों और कंपनियों ने अवैध वीजा आवेदकों के लिए जाली शैक्षिक प्रमाणपत्र और एक्सपीरियंस लेटर बनाए. इसके अलावा उन्होंने वीजा आवेदकों के अकाउंट्स में फंड ट्रांसफर कर उनके बैंक बैलेंस को अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया, ताकि वे पात्र प्रतीत हों. इसके बदले में ये कंपनियां भारी कमीशन वसूलती थीं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब स्थित 5 फर्मों पर छापेमारी की कार्रवाई की है. इन फर्मों पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर अमेरिकी वीजा प्रक्रिया में हेरफेर करने का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक ईडी के जालंधर जोनल ऑफिस ने लुधियाना और चंडीगढ़ में पांच व्यावसायिक और आवासीय परिसरों की तलाशी ली. ये छापे रेड लीफ इमिग्रेशन प्राइवेट लिमिटेड, ओवरसीज पार्टनर एजुकेशन कंसल्टेंट्स, इन्फोविज सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन सहित अन्य संस्थानों से जुड़े परिसरों में मारे गए. 

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जांच मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है. तलाशी के दौरान ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 19 लाख रुपए नकद जब्त किए हैं.

कैसे हुआ खुलासा?

ईडी की जांच पंजाब और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी.  FIR नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के ओवरसीज क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन ऑफिस की शिकायत के बाद दर्ज की गई थीं.

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा

ईडी ने बताया कि आरोपियों और कंपनियों ने अवैध वीजा आवेदकों के लिए जाली शैक्षिक प्रमाणपत्र और एक्सपीरियंस लेटर बनाए. इसके अलावा उन्होंने वीजा आवेदकों के अकाउंट्स में फंड ट्रांसफर कर उनके बैंक बैलेंस को अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया, ताकि वे पात्र प्रतीत हों. इसके बदले में ये कंपनियां भारी कमीशन वसूलती थीं.

अवैध कमाई का निवेश और मनी लॉन्ड्रिंग

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जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि इस अवैध गतिविधि से अर्जित काले धन (Proceeds of Crime-POC) को चल-अचल संपत्तियों में निवेश किया गया और इसे कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया. फिलहाल ईडी की जांच जारी है और एजेंसी इस गड़बड़ी में शामिल अन्य लोगों और कंपनियों का पता लगाने में जुटी है. 

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