Punjab Golden Temple Sacrilege Case: अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुई लिंचिंग की घटना के एक दिन बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने मंदिर का दौरा किया और शांति की अपील की. उन्होंने लोगों से सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों का सम्मान करने को भी कहा.
इससे पहले रविवार को पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बताया कि स्वर्ण मंदिर में हुए 'बेअदबी' के मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है जो दो दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी. दरबार साहिब में हुई इस 'बेअदबी' की घटना को उन्होंने 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है और भरोसा दिलाया है कि पुलिस मामले की तह तक जाएगी.
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सुबह 11:30 बजे से ही दरबार साहिब में था आरोपी
डिप्टी सीएम रंधावा ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आरोपी सुबह 11:30 बजे से ही श्री दरबार साहिब के अंदर मौजूद था और घटना के वक्त तक (6 बजे तक) वहीं था. उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है, साथ ही ये भी पता लगाने की कोशिश हो रही है कि आरोपी कहां से आया था और उसके साथ कौन था.
उन्होंने बताया कि आरोपी की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है. उन्होंने बताया कि सरकार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के साथ मिलकर काम कर रही है.
स्वर्ण मंदिर में क्या हुआ था?
अमृतसर सिटी के डीसीपी (लॉ एंड ऑर्डर) परमिंदर सिंह भंडल ने मीडिया को बताया था कि स्वर्ण मंदिर में शनिवार को एक 24-25 साल का युवक वहां तक पहुंच गया था जहां गुरु ग्रंथ साहिब रखी गई थी. उसने वहां रखी कृपाण को उठाने की कोशिश की, जिसके बाद संगत के लोगों उसे वहां से ले गए और उसकी पिटाई की जिसमें युवक की मौत हो गई.