पंजाब की कांग्रेस सरकार ने राज्य में प्राइवेट विश्वविद्यालयों के निर्माण के लिए न्यूनतम भूमि की आवश्यकता में बड़ा बदलाव किया है. पंजाब सरकार ने विश्वविद्यालय बनाने के लिए जरूरी जमीन की सीमा घटाकर 35 से 25 एकड़ कर दी है. अब 24 एकड़ की परिसीमा में भी विश्वविद्यालय बनाने की मान्यता दी जा सकेगी.
इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दी है. यह फैसला कैप्टन अमरिंदर की अध्यक्षता हुई कैबिनेट बैठक बाद लिया गया है.
कैप्टन अमरिंदर ने ट्वीट कर इस फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा है कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पंजाब कैबिनेट ने प्राइवेट विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए न्यूनतम भूमि सीमा 35 एकड़ से घटाकर 25 एकड़ कर दी है.Happy to share that the #PunjabCabinet has decided to reduce the land required to set up private universities from 35 to 25 acres to boost investment in higher education. Govt. will ensure that the quality standards in such institutions are maintained. pic.twitter.com/Q758SqlZS4
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) July 24, 2019
कैप्टन अमरिंदर ने अपने ट्वीट में कहा है कि इस फैसले के बाद से पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दावा किया है कि इन विश्वविद्यालयों में हर हाल में शिक्षा की उच्च गुणवत्ता का राज्य सरकार ख्याल रखेगी.
बता दें प्राइवेट विश्वविद्यालय खोलने के लिए जमीन अधिग्रहण में तमाम कानूनी अड़चनें आती हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय की स्थापना से निवेशक डरते हैं. पंजाब सरकार के इस फैसले के बाद पंजाब में प्राइवेट विश्वविद्यालयों के निर्माण में तेजी आ सकती है. इससे पहले भी कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के एजुकेशन हब मनाने की मंशा जाहिर कर चुके हैं.