हरियाणा समेत कई राज्यों में बर्ड फ्लू की खतरे को देखते हुए पंजाब सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले मीट, मुर्गों और अंडों पर अगले सात दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. पंजाब सरकार ने यह फैसला हरियाणा की तरफ से पोल्ट्री पदार्थों व अंडों को पंजाब में डंप करने की सूचना के तहत किया है. हरियाणा के बरवाला क्षेत्र में रहस्यमय तरीके से मर रहीं मुर्गियों की वजह से इलाके में एवियन फ्लू का भय है. यहां करीब एक लाख मुर्गी और चूजों की मौत हो चुकी है.
मुर्गियों के रहस्यमय तरीके से मरने का सिलसिला 5 दिसंबर से शुरू हुआ था. बरवाला क्षेत्र के 110 मुर्गी फार्मों में से लगभग दो दर्जन फार्मों में मुर्गियों की रहस्यमय तरीके से मौत हो चुकी है. मुर्गियों की मौत के बाद अब पंचकूला जिला प्रशासन हरकत में आया है.
राज्य के पशुपालन विभाग ने प्रभावित फार्मो में पाई गई मृत मुर्गियां के 80 सैम्पल इकट्ठे करके जांच के लिए जालंधर की रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री में भेजे गए हैं.
देश के चार राज्यों-केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में 12 स्थानों पर एवियन इन्फ्लुएंजा या बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं, जबकि पंचकुला में मुर्गी पालन केंद्रों में इन पक्षियों की अस्वाभाविक मौत के मामलों के चलते हरियाणा को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
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पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि दहशत में आने की जरूरत नहीं है और संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए प्रयास जारी है. उन्होंने कहा कि अब तक प्रवासी पक्षियों, कौवों और बत्तखों में ही यह घातक वायरस पाया गया है, जबकि मुर्गी पालन केंद्र अभी इससे प्रभावित नहीं हुए हैं.
चतुर्वेदी के मुताबिक अब तक चार राज्यों - राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल में ही इसके मामले सामने आए हैं. जहां तक हरियाणा का सवाल है, पंचकुला में मुर्गी पालन केंद्रों में इन पक्षियों की अस्वाभाविक मौत के मामलों के सामने आए हैं. हमने राज्य सरकार को सतर्क रहने और नमूनों को जांच के लिए भेजने को कहा है.
भारत में बर्ड फ्लू का पहला मामला 2006 में सामने आया था. मंत्रालय ने कहा कि चार राज्यों में 12 स्थानों पर एवियन इन्फ्लुएंजा के मामले सामने आए हैं.