कोरोना की वजह से लोगों की मुश्किलें पहले से ही बढ़ी हुई हैं. इधर पंजाब सरकार ने सिविल अस्पतालों में मिलने वाली इलाज की सुविधा को महंगा कर दिया है. पंजाब सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में एक सितंबर से इलाज और अन्य मेडिकल टेस्ट के रेट दो से तीन गुना तक बढ़ाने के आदेश दिए हैं. इस तरह से सरकारी अस्पतालों की बढ़ी हुई फीस ने प्रदेशवासियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
नए रेट के मुताबिक डिजिटल एक्स-रे, जो पहले ₹120 में होता था वो अब ₹150 में हुआ करेगा. वहीं ईसीजी जो पहले ₹60 में होती थी अब इसके लिए ₹75 देने होंगे. अल्ट्रासाउंड जो पहले ₹200 में होता था अब उसके लिए ₹250 देने होंगे.
सरकारी अस्पतालों में AC का कमरा पहले ₹500 प्रतिदिन के हिसाब से मिलता था लेकिन अब उसके लिए ₹1000 प्रतिदिन के हिसाब से खर्च करने होंगे. कूलर वाला कमरा पहले ₹100 प्रतिदिन के हिसाब से मिलता था लेकिन अब इसके लिए प्रतिदिन के हिसाब से ₹150 देने होंगे.
सर्दियों में मरीजों को रूम हीटर ₹100 प्रतिदिन के रेट पर मिलता था लेकिन अब उसके लिए ₹200 खर्च करने होंगे. मैमोग्राफी जो पहले ₹250 में होती थी उसके लिए अब ₹500 देने होंगे. हालांकि डिलीवरी चार्ज पहले भी निशुल्क था और अब भी उसे निशुल्क ही रखा गया है.
ओपीडी पर्ची के लिए पहले की तरह ₹10 ही देने होंगे. इंडोर एडमिशन के लिए पहले ₹30 लिए जाते थे जो अब बढ़ाकर ₹40 कर दिए गए हैं. जनरल वार्ड में बिस्तर का शुल्क ₹30 से बढ़ाकर ₹40 प्रतिदिन कर दिया गया है. वहीं प्राइवेट वार्ड के लिए रेट ₹150 से बढ़ाकर ₹200 कर दिए गए हैं.
मेडिकल एग्जामिनेशन फीस ₹300 से बढ़ाकर ₹500 कर दी गई है. छोटे ऑपरेशन के लिए पहले मरीज को जहां ₹150 देने पड़ते थे अब उसके लिए ₹250 चुकाने होंगे. पहले बड़े ऑपरेशन की फीस 1000 होती थी जो अब बढ़ाकर ₹1200 कर दी गई है.
सर्जिकल ऑपरेशन के दाम में ₹500 का इजाफा किया गया है. पहले इसके लिए ₹1000 देने होते थे लेकिन अब 1500 रुपए देने होंगे. सिविल अस्पताल में जो मरीज प्राइवेट सुविधाएं लेते हैं और प्राइवेट कमरे लेते हैं उसके लिए भी दाम एक सितंबर से 3 गुना तक बढ़ जाएंगे.