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पंजाब: राज्यपाल और मुख्यमंत्री में ठनी, चिट्ठी से नाराज गवर्नर बोले- कानूनी राय लूंगा

पंजाब में विधानसभा सत्र की मंजूरी से पहले राज्यपाल और मुख्यमंत्री में घमासान तेज हो गया है. कैबिनेट के निर्णय को राज्यपाल ने अब तक मंजूरी नहीं दी है. इस बीच, गवर्नर ने मुख्यमंत्री की चिट्ठी और जवाब के तरीके पर आपत्ति जताई है. राज्यपाल ने कहा कि इस तरह का जवाब देना बेहद अमर्यादित और असंवैधानिक है.

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की चिट्ठी पर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने आपत्ति जताई है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की चिट्ठी पर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने आपत्ति जताई है.

पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चल रहा घमासान और तेज हो गया है. राज्यपाल पुरोहित ने एक बार फिर मुख्यमंत्री मान के नाम एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा- आपने मेरे पत्रों का जवाब ट्विटर और पत्र के माध्यम से दिया है- यह जवाब बेहद अमर्यादित और असंवैधानिक है. इसलिए मैं इस मुद्दे पर कानूनी राय लूंगा.

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राज्यपाल ने आगे कहा- 3 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र को बुलाने से पहले मैं इस मुद्दे पर कानूनी राय लूंगा. बता दें कि कैबिनेट ने 3 मार्च को विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्णय लिया है. इस संबंध में राज्यपाल से मंजूरी मांगी गई है.

पढ़िए पत्र में क्या लिखा है...

राज्यपाल ने कहा- ''प्रिय मुख्यमंत्री, मेरे 13 फरवरी, 2023 के पत्र के जवाब में आपने (भगवंत मान) मुझे अपना जवाब उसी दिन ट्विटर के जरिए दिया. इसके साथ 14 फरवरी, 2023 को अपने पत्र माध्यम से भी भेजा. ट्विटर पर आपने लिखा है- माननीय राज्यपाल महोदय, आपका पत्र मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुआ. पत्र में उल्लिखित सभी राज्य के विषय हैं. मैं और मेरी सरकार संविधान के अनुसार 3 करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं, ना कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किसी राज्यपाल के प्रति. इसे मेरा जवाब समझिए.''

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सीएम ने चिट्ठी में क्या कहा था...

''माननीय राज्यपाल साहब, मुझे 13 फरवरी, 2023 आपका पत्र प्राप्त हुआ है. आपके पत्र में उल्लिखित सभी राज्य सरकार के विषय हैं. इस संबंध में मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारतीय संविधान के अनुसार मैं और मेरी सरकार 3 करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं. आपने मुझसे पूछा है कि किस आधार पर सिंगापुर में प्राचार्यों को प्रशिक्षण के लिए चुना गया है. पंजाब के लोग पूछना चाहते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों में राज्यपालों का चुनाव किस आधार पर किया जाता है? कृपया इसे बताकर पंजाबियों का ज्ञान बढ़ाएं.''

अब राज्यपाल ने किया पलटवार...

राज्यपाल ने पत्र में आगे कहा- चूंकि आपका ट्वीट और पत्र दोनों ना सिर्फ स्पष्ट रूप से असंवैधानिक हैं बल्कि बेहद अपमानजनक भी हैं, इसलिए मैं इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेने के लिए मजबूर हूं. कानूनी सलाह लेने के बाद ही मैं आपके अनुरोध (विधानसभा सत्र बुलाने) पर निर्णय लूंगा.


 

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