पंजाब सरकार की एक बुकलेट को लेकर सरकार में सहयोगी अकाली दल और बीजेपी के बीच में तनातनी बढ़ गई है. दरअसल पंजाब सरकार के लोक संपर्क विभाग ने पंजाब सरकार के पिछले 9 साल की उपलब्धियों के लेखे-जोखे की ‘9 साल पंजाब इच विकास दे’ नाम की बुकलेट की पंजाबी, हिंदी और इंग्लिश में करीब 25 लाख कॉपियां छपवाई हैं. अफसरों के जरिए किताब पूरे राज्य में बांटी जा रही है.
खास बात यह है कि इसमें बीजेपी के किसी लोकल या राष्ट्रीय नेता और सरकार में मंत्री की फोटो तो दूर, उनका जिक्र तक नहीं है. इससे पहले राज्यभर में पंजाब के विकास को दिखाते होर्डिंग्स में अपने नेताओं की फोटो ना होने पर बीजेपी नेता आपत्ति जताते रहे हैं, लेकिन अब इस बुकलेट से अपनी और अपनी पार्टी के बड़े चेहरों की फोटो लापता होने से सरकार में बीजेपी के कोटे से मंत्री खुलकर अपनी आपत्ति दर्ज करवा रहे है और अपनी सहयोगी अकाली दल को गठबंधन धर्म की याद दिला रहे है.
पंजाब सरकार में बीजेपी के कोटे से कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं की फोटो होनी ही चाहिए थी. कम से कम शहरों में विकास को दर्शाते होर्डिंग्स में पीएम मोदी का ही फोटो लगा देते. पंजाबी में करीब 20 लाख, हिंदी में 4 लाख और इंग्लिश में 1 लाख बुकलेट छपवाई गई हैं. इसमें अलग-अलग विभागों की तरक्की को दर्शाते सीएम प्रकाश सिंह बादल के चार, डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के पांच फोटो और अकाली दल के अन्य मंत्रियों के फोटो भी छपे हैं, लेकिन बीजेपी का ना तो कहीं नाम है और ना ही उनके मंत्रियों के काम का जिक्र है.
वहीं इस सारे विवाद पर पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल का कहना है कि ये किसी पार्टी के प्रचार की बुकलेट नहीं है, बल्कि पंजाब सरकार के काम का लेखा-जोखा है और जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत सरकार का चेहरा हैं, वैसे ही मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पंजाब सरकार का चेहरा हैं. इसीलिए बुकलेट पर उनके चेहरे को प्राथमिकता दी गई है और इस बुकलेट को लेकर कोई विवाद नहीं है.
पंजाब सरकार के सरकारी कार्यक्रमों में लगने वाले पोस्टरों और होर्डिंग्स में पहले भी बीजेपी की बजाए अकाली दल के मंत्री और नेताओं को तरजीह दी जाती है और बीजेपी के मंत्री और नेता कई बार अपने वरिष्ठ नेताओं के सामने इस बात का विरोध दर्ज करवा चुके हैं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले जारी इस बुकलेट को लेकर बीजेपी नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है और गठबंधन में बैठी दोनों ही पार्टियों की तनातनी भी जगजाहिर हो गई है.