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गुरदासपुर: 23 लोगों की मौत के बाद जागा प्रशासन, सील की 6 अवैध पटाखा फैक्ट्री

गुरदासपुर के बटाला में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में 23 लोगों की जान चली गई. इस हादसे के बाद गुरदासपुर जिला प्रशासन की आंख खुली और रातों-रात इलाके में 6 अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और अवैध स्टोर्स को सील कर दिए गया.

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ब्लास्ट में 23 लोगों की जान चली गई
ब्लास्ट में 23 लोगों की जान चली गई

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  • जिस फैक्ट्री में धमाका हुआ उसका लाइसेंस 2016 में रद्द हो गया था
  • पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ दर्ज की है एफआईआर
  • बटाला और आसपास की 6 अवैध पटाखा फैक्ट्रियां सील

गुरदासपुर के बटाला में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में 23 लोगों की जान चली गई. इस हादसे के बाद गुरदासपुर जिला प्रशासन की आंख खुली और रातों-रात इलाके में 6 अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और अवैध स्टोर्स को सील कर दिए गया. 3 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. सूत्रों की मानें तो बटाला और कादियां के बीच एक दर्जन के करीब गैर-कानूनी पटाखा फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं.

आज तक ने सील किए गए एक अवैध पटाखा स्टोर और आतिशबाजी बनाने वाली एक फैक्ट्री का पता लगाया. आतिशबाजी बनाने वाले ओम प्रकाश नाम के व्यक्ति की मानें तो कादियां में आठ और बटाला में दो पटाखा फैक्ट्रियां हैं. यानी कुल 10 फैक्ट्रियों का खुलासा हो चुका है. मजे की बात यह है कि पूरे जिला में सिर्फ चार लोगों के पास पटाखे बनाने का लाइसेंस है.

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जिलाधीश विपुल उज्ज्वल ने आज तक से बातचीत में स्वीकार किया कि जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं और सिर्फ चार ही लाइसेंस जारी किए गए थे. जिनकी अब जांच की जा रही है.

बुधवार को बटाला के समाज रोड पर एक गैर-कानूनी पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं, इस पर प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. जिलाधीश विपुल उज्ज्वल ने कहा है कि हादसे में घायल हुए लोगों का उपचार किए जाने के बाद ही पूरी जांच की जाएगी और दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं सवाल यह भी है कि 23 लोगों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है? जिस फैक्ट्री का लाइसेंस 2016 में रद्द किया जा चुका था आखिर 2 साल तक वह कैसे गैर-कानूनी तरीके से पटाखे बनाती रही?

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