सुनसान सड़क, बीच चौराहे पर दो लाशें और चारों ओर खून के छींटे. अमृतसर के अजनाला कस्बे के इस दृश्य को देखकर किसी की भी आंखे पथरा जाएंगी. लेकिन माफ कीजिए, हम सभ्य समाज में रहते हैं और यहां खून का खून करने के बाद सिवाय आंसू बहाने के कुछ किया नहीं जा सकता. खासकर तब जब मामला मान-सम्मान और इज्जत का हो. लेकिन ऐसी इज्जत का करना ही क्या जो अपनी ही औलाद का हैवान की तरह खून कर दे. वो भी इसलिए कि उसने किसी से प्यार किया था. जी हां, वही प्यार, जिसे करने के लिए उसे बचपने से शिक्षा दी गई थी.
पंजाब के लिए ऑनर किलिंग का मामला नया नहीं है. प्रशासन लाख दावा कर ले, सरकार लाख कानून बना ले. लेकिन ये घटिया सोच है जो खत्म होती नहीं है. मंजीत और गुरजंट की हत्या अजनाला कस्बे के लिए दो प्यार करने वालों के लिए मर्जी से शादी करने की सजा है. सजा के तौर पर उन्हें पहले बीच चौराहे पर लाया गया, फिर कुल्हाड़ी से उन्हें काट दिया गया और तब भी सम्मान को ठेस पहुंचती रही तो गोलियों से दोनों के बदन को छलनी कर दिया गया.
यह दर्दनाक मौत है, लेकिन वाकई सम्मान बड़ी चीज है. पुलिस ने मामले में मृतक लड़की के 'सम्मानित' छह परिवार वालों को हिरासत में ले लिया है. केस दर्ज किया जा चुका है और जांच की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, 24 साल के गुरजंट सिंह और 20 साल की मंजीत कौर ने करीब एक साल पहले घर वालों की मर्जी के खिलाफ कोर्ट में शादी की थी. दोनों घर-परिवार से दूर अपना अलग आशियाना सजा रहे थे. आंखों में भविष्य के सपने थे तो दिलों में मोहब्ब्त. लेकिन मंजीत के परिवार वालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था. उनके कथित सम्मान को ठेस पहुंची थी. खून खौल रहा था और शायद अपनी ही औलाद की हत्या के बाद अब उनका झूठा सम्मान उन्हें वापस मिल गया है. बताया जाता है कि एक साल से नफरत पाल रहे मंजीत के परिवार वालों ने सोमवार रात प्रेमी जोड़े की कुल्हाड़ी और तलवारों से काटकर हत्या कर दी.
घटना के वक्त मौके पर मौजूद गुरजंट सिंह के परिवार वालों का कहना है कि मंजीत के परिवार वालों ने दोनों को काटने के बाद उनकी लाश पर गोलियां भी चलाईं.