देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और उसके साथ ही पाबंदियां भी लगाई जा रही हैं. इन पाबंदियों से कई जगह पर लोग गुस्से में हैं और सवाल उठा रहे हैं. पंजाब के अमृतसर में भी बुधवार को होटल, रिजॉर्ट, रेस्तरां चलाने वाले कारोबारी सड़क पर उतर आए और पाबंदियों को हटाने की मांग करने लगे.
प्रदर्शन कर रहे कारोबारियों का कहना है कि जब नेता रैलियां कर सकते हैं तो हम कारोबार क्यों नहीं? एक रिजॉर्ट के मालिक कावरजीत सिंह कहते हैं कि अगर सरकार अपने अस्तित्व के लिए राजनीतिक रैलियां कर सकती है, तो हम अपना कारोबार क्यों नहीं चला सकते? बता दें कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, इस दौरान बड़ी-बड़ी रैलियां की जा रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेता रैलियां कर रहे हैं, जिसमें लाखों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हो रही है. इन रैलियों में न तो मास्क लगाए हुए लोग नजर आ रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. इससे आम लोग खफा हैं और कह रहे हैं कि क्या नेताओं की रैली में कोरोना नहीं फैलता है?
आपको बता दें कि पंजाब में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पंजाब में कोरोना के 80 प्रतिशत मामलो यूके वेरिएंट वाले पाए गए हैं. जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद इस बात की पुष्टि हुई है. यह आयोजनों के चलते हुआ है, जिनमें स्थानीय चुनाव, शादियां और किसानों के प्रदर्शन जैसे आयोजन शामिल हैं.
इसके बाद से ही पंजाब सरकार ने प्रदेश में पाबंदियां लागू कर दी हैं. 10 अप्रैल तक प्रदेश के 11 जिलों में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया है. इसके साथ ही किसी भी आयोजन पर मनाही है. यहां तक की कोई भी आदमी अपने यहां 10 से अधिक गेस्ट नहीं बुला सकता है. इन पाबंदियों का सबसे ज्यादा असर कारोबारियों पर पड़ रहा है.
लॉकडाउन के दौरान कारोबारियों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा था. अब एक बार फिर पाबंदी लगने से उनका नुकसान और बढ़ गया है. खासतौर पर होटल इंडस्ट्री मुश्किल दौर से गुजर रही है. नाइट कर्फ्यू के कारण कोई भी होटल में नहीं रूक रहा है और रेस्तरां की बिक्री भी काफी कम हो गई है.