पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान के साथ लगती 553 किलोमीटर लंबी पश्चिमी सीमा पर निगरानी बढ़ाने के लिए लगभग 2000 CCTV कैमरे लगाने का काम लगभग पूरा कर लिया है. पुलिस ने ये कदम दूसरे मोर्चे की सुरक्षा को मजबूत करने, सीमा पार से आतंकवाद और तस्करी को रोकने के उद्देश्य से उठाया है. पंजाब सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए पिछले साल 40 करोड़ रुपये मंजूर किए थे.
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने कहा, 'पंजाब देश का पहला राज्य है, जिसके पास दूसरी रक्षा पंक्ति है जो अंतरराष्ट्रीय चौकियों से 5 किलोमीटर पीछे है. हमने 702 बिंदुओं की पहचान की है, जिन पर 2127 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. जिनमें 100 पीटीजेड कैमरे, 243 एएनपीआर कैमरे और 1700 बुलेट कैमरे शामिल हैं.'
'BSF और सेना की सलाह के बाद लगाए कैमरे'
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन कैमरों को बीएसएफ और सेना से सलाह के बाद लगाया गया है. हमने बीएसएफ और सेना से पूछा था कि इन कैमरों को कहां लगाया जाना चाहिए. ये कैमरे 24/7 की गतिविधियों पर नजर रखेंगे. अभी के लिए हमने स्थिर नाके और गश्ती दल बनाए हैं. हम बीएसएफ की सलाह से सीमाओं पर 500 बॉर्डर होमगार्ड की तैनाती करके इसे मजबूत करेंगे. ये पूरी तरह से रक्षा की दूसरी पंक्ति के लिए है.
डीजीपी ने एंटी ड्रोन की तैनाती से जुड़े प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'भारत सरकार की अनुमति से और बीएसएफ के साथ समन्वय से एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदे जाएंगे, ताकि एंटी ड्रोन को तालमेल के साथ तैनात किया जा सके. ये सीमा पार तस्करी के मुद्दों के समाधान के लिए किया जाएगा. यह पंजाब सरकार की ड्रग्स की आपूर्ति को रोकने के लिए बहुस्तरीय प्रोजेक्ट है.'
डीजीपी यादव ने सभी पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में व्यक्तिगत रूप से मैपिंग एक्सरसाइज निगरानी करने का निर्देश दिया है. ताकि इलाके में होने वाली नशीले पदार्थों की आपूर्ति का ब्यौरा तैयार किया जा सके.
बता दें कि पंजाब पुलिस ने ये कदम सीमावर्ती जिलों में ग्रेनेड हमलों के बाद उठाया है. राज्य नशीली पदार्थों के खतरे का भी शिकार है. पंजाब सरकार ने राज्य भर में नशीली दवाओं के तस्करों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके ठिकानों को ध्वस्त करने का ऑपरेशन शुरू किया है.