पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने अभी तक एचएस फुल्का का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. विधानसभा अध्यक्ष को लिखे खत में सीनियर एडवोकेट फुल्का ने कहा, 'मैंने अक्टूबर 2018 को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. मैं आपके समक्ष भी पेश हो चुका हैं और इस्तीफा ऑनलाइन भेज चुका हूं, लेकिन अभी तक मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है.'
फुल्का ने विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह से कहा, 'मैं आपसे अपील करता हूं कि आप मेरा इस्तीफा फौरन स्वीकार करें, ताकि फगवाड़ा और जलालाबाद के साथ ढाका विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो सकें.'
एचएस फुल्का 2017 में पंजाब में नेता प्रतिपक्ष बने थे. लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने नेता विपक्ष पद से यह कहकर इस्तीफा दे दिया था कि वह 1984 के केस पर फोकस करना चाहते हैं. गुरु ग्रंथ साहिब से हुई बेअदबी के मामले में पंजाब सरकार के ढीले रवैये के विरोध में उन्होंने विधायिका से इस्तीफा दे दिया था.
बता दें कि पंजाब विधानसभा सत्र शुरू होते ही टीटू नामक युवक ने प्रदर्शन करते हुए फुल्का का इस्तीफा देने की मांग की थी. टीटू ने कहा कि फुल्का के अलावा सुखपाल खैहरा और कुछ अन्य विधायकों ने इस्तीफा दिया है, लेकिन स्पीकर मंजूर नहीं कर रहे हैं.