पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर एक बार फिर से विवाद में घिर गए हैं. नया विवाद नवजोत सिंह सिद्धू के महकमे के कामकाज में नवजोत कौर के दखल देने और सस्पेंड किए गए एक सेनेट्री इंस्पेक्टर की बहाली का है.
नवजोत कौर को न तो पंजाब सरकार में कोई संवैधानिक पद मिला है और न ही वो अपने पति नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बतौर OSD काम कर रही हैं. इन सबके बावजूद नवजोत कौर पर अपने पति नवजोत सिंह सिद्धू के महकमे के कामकाज में दखल देने के आरोप लग रहे हैं. ताजा मामला सस्पेंड किए गए एक सेनेट्री इंस्पेक्टर की बहाली का है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने अवैध निर्माण में मदद करने के आरोप में जिस इंस्पेक्टर संजीव कालिया को पिछले दिनों सस्पेंड किया था, नवजोत कौर ने उसको फिर से महकमे में बहाल करवा दिया. इतना ही नहीं, कौर ने इस सस्पेंड इंस्पेक्टर की बहाली की चिट्ठी भी अपने हाथों से दी. संजीव कालिया को चिट्ठी देते हुए नवजोत कौर की एक तस्वीर भी सामने आई है.
इसके बाद से सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार नवजोत कौर सस्पेंड अफसर को बहाली की चिट्ठी अपने हाथों से नवजोत सिंह सिद्धू के सरकारी दफ्तर के अंदर कैसे दे सकती हैं? कौर को न तो सिद्धू के महकमे में कोई सरकारी पद मिला है और न ही पंजाब सरकार में संवैधानिक पद मिला है.
हालांकि संजीव कालिया को विभागीय जांच में क्लीन चिट मिल चुकी है. विवाद सिर्फ इंस्पेक्टर को बहाली का लेटर नवजोत कौर के हाथों नवजोत सिंह सिद्धू के सरकारी दफ्तर में दिए जाने को लेकर है. फिलहाल नवजोत कौर और सिद्धू की ओर से मामले में कोई सफाई नहीं आई है, लेकिन विपक्ष लगातार हमले कर रहा है.