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Punjab New CM: पंजाब में बीजेपी स्टाइल में कांग्रेस ने की 'बैटिंग', अरसे बाद आलाकमान दिखा हावी!

सुनील जाखड़, सुखजिंदर के नाम सीएम पद की रेस में आगे चल रहे थे और किसी ने भी चरणजीत सिंह के नाम के बारे में अंदाजा नहीं लगाया था. अचानक चन्नी को विधायक दल का नेता चुने जाने का हरीश रावत ने ऐलान किया.

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चरणजीत सिंह चन्नी
चरणजीत सिंह चन्नी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पंजाब के नए CM होंगे चरणजीत सिंह चन्नी
  • बीजेपी की तरह पंजाब में कांग्रेस ने भी चौंकाया
  • कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीते दिन दिया था सीएम पद से इस्तीफा

पंजाब में कई घंटों तक चली सियासी उठापटक के बाद कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुन लिया गया. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीते दिन अपमानित किए जाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें एक कांग्रेस आलाकमान को नया मुख्यमंत्री पर फैसला करने का प्रस्ताव था.

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पार्टी आलाकमान ने पंजाब की राजनीति के लिए अहम फैसला लेते हुए चन्नी को नया मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय किया. पंजाब में शनिवार-रविवार को पल-पल बदली राजनीति के बाद कहा जा रहा है कि पार्टी ने बीजेपी स्टाइल में 'बैटिंग' करते हुए नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की है. 

दरअसल, पिछले कुछ सालों में यह देखा गया है कि बीजेपी जिस भी राज्यों में मुख्यमंत्री चेहरे को तय करती है या फिर बदलाव करती है, उसके बारे में शायद ही कोई अंदाजा लगा पाता है. मुख्यमंत्री पद पर जिन भी नामों की चर्चा हो रही होती है, वह आखिरकार गलत ही साबित होते हैं और कोई नया मुख्यमंत्री बनता है. इसी तरह का फैसला रविवार को पंजाब के लिए कांग्रेस का भी रहा.

पंजाब के नए मुख्यमंत्री के लिए पिछले 24 घंटों में जिन-जिन नामों की चर्चाएं चल रही थीं, उन सभी नामों को निराशा हासिल हुई और आखिरी समय में चरणजीत सिंह चन्नी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया. यह पहली बार होगा, जब पंजाब की कमान किसी दलित चेहरे के हाथों में होगी. चन्नी पंजाब के दलित सिख चेहरे हैं और राज्य में तकरीबन 32 फीसदी वोटर्स दलित समुदाय से हैं.

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सुखजिंदर रंधावा का नाम हो गया था लगभग पक्का!

चन्नी के नाम का ऐलान किए जाने से पहले सुनील जाखड़, अंबिका सोनी, सुखजिंदर के नाम सीएम पद की रेस में आगे चल रहे थे और किसी ने भी चरणजीत सिंह के नाम के बारे में अंदाजा नहीं लगाया था. अचानक चन्नी को विधायक दल का नेता चुने जाने का हरीश रावत ने ऐलान किया, जिससे यह साफ हो गया कि वही नए सीएम बनने जा रहे हैं.

रविवार दोपहर बाद से ही तकरीबन हर रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि रंधावा के नाम पर मुहर लग गई है और वे ही अगले मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने चौंकाते हुए नया नाम घोषित कर दिया. पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट कर सबसे पहले चरणजीत सिंह चन्नी के विधायक दल का नेता चुने जाने की जानकारी दी.

चरणजीत सिंह चन्नी
चरणजीत सिंह चन्नी

यूपी, कर्नाटक, गुजरात... कई बार चौंका चुकी है बीजेपी

उत्तर प्रदेश में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर लोगों को चौंका दिया था. उस समय प्रचंड बहुमत से बीजेपी के प्रदेश में जीतने के बाद कई नामों पर चर्चाएं चल रही थीं, जिसमें राजनाथ सिंह, मनोज सिन्हा समेत कई नाम शामिल थे. बाद में मनोज सिन्हा का नाम तकरीबन तय हो गया था, लेकिन आखिरी समय में योगी आदित्यनाथ को सीएम घोषित करके पार्टी ने सबको चौंका दिया था.

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इसके बाद पार्टी ने कई अन्य मौकों पर भी लोगों को अपने फैसले के जरिए से चौंकाया. हाल ही में चुनाव से तकरीबन छह-सात महीने पहले उत्तराखंड के पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत को बदला गया, तब भी बहुत ही कम लोगों ने पुष्कर सिंह धामी को जिम्मेदारी मिलने का अंदाजा लगाया था. इसके बाद तकरीबन इसी अंदाज में कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा को हटाकर बसवाराज बोम्माई को मुख्यमंत्री बनाया गया. 

उत्तराखंड, कर्नाटक के बाद बीजेपी ने गुजरात में हाल ही में अपने मुख्यमंत्री के चेहरे में बदलाव किया है. आलाकमान ने पूर्व सीएम विजय रुपाणी को पद से हटाकर भूपेंद्र पटेल को यह जिम्मेदारी सौंपी है. रुपाणी के अचानक इस्तीफा देने के बाद कई नाम सामने आए थे, लेकिन उसमें से कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बना. पार्टी ने आखिरी समय में भूपेंद्र पटेल के नाम का ऐलान किया.

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काफी दिनों बाद दिखी कांग्रेस आलाकमान की पहले जैसी पकड़

कांग्रेस के नेतृत्व वाले कई राज्यों में पिछले लंबे समय से विवाद चल रहा है. इसमें से पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि शामिल हैं. वहीं, मध्य प्रदेश में साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच में कलह के बाद पार्टी को सरकार भी गंवानी पड़ी थी.

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कांग्रेस आलाकमान लगातार विवाद वाले राज्यों में अपने नेताओं से बातचीत करता रहा, लेकिन फिर भी कोई ठोस हल नहीं निकला. पंजाब में जहां कई सालों से सिद्धू और कैप्टन के बीच तनातनी बनी हुई थी तो छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच में विवाद चल रहा है.

इसके अलावा, राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट भी आमने-सामने रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान दोनों नेताओं से समय-समय पर बातचीत करता रहा है, लेकिन पायलट की नाराजगी समय-समय पर सामने आती रही है. अब पंजाब में कैप्टन को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने के फैसले से पार्टी आलाकमान एक बार फिर से पहले की तरह असरदार होता हुआ दिखाई दे रहा है. 

 

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