पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड के स्कूलों में पढ़ाई जा रही हिस्ट्री की 12वीं की किताबों में इस बार सिख गुरु साहिबान और सिख हिस्ट्री के कई चैप्टर गायब कर दिये गये हैं. अकाली दल का आरोप है कि नई किताब में सारी सिख हिस्ट्री ही गायब कर दी गई है. और जो चैप्टर नए लगाए गए हैं. इनका पंजाब के साथ कोई लेना-देना नहीं है. इस पर अकाली दल ने एक्सपर्ट कमेटी की राय भी मांग ली है.
अकाली दल का आरोप है कि सिख गुरुओं के चैप्टर हटा कर इस किताब में सखी सरवर और लखां के दाता की हिस्ट्री शामिल कर ली गई है. नई किताब जिसका अभी पीडीएफ वर्जन ही आया है. इसमें 13 चैप्टर और 178 पन्ने हैं. इनमें सिर्फ एक चैप्टर सिख इतिहास का रखा गया है.
सिख हिस्ट्री को प्लस 1 में शिफ्ट किया
किताब के दो भाग हैं पहले में पूर्व आधुनिक काल और दूसरे में आधुनिक काल है. पूर्व आधुनिक काल में शहर, व्यापार, शिल्प, सरदार, सम्राट और व्यापारी, पुजारी, भिक्षु, दानी, मध्यकालीन भारत में राजनीतिक और आर्थिक विकास, सुल्तान और बादशाह, भगती के नए रूप और दूसरे आधुनिक काल भाग 2 में 1857 का विरोध, भारत में राष्ट्रवाद का उभार, स्वतंत्रता की तरफ भारत, सिख राज और ब्रिटिश राज है.
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दावा किया है कि उन्होंने सिख हिस्ट्री को प्लस 1 में शिफ्ट कर दिया है और उसमें महज पहले भाग में पंजाब का इतिहास के ही 6 चैप्टर दर्ज किए हैं. इसमें पंजाब के इतिहास के स्रोत, गुरुकाल, श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं और यात्राएं, सिख धर्म का विकास और सिख गुरुओं का योगदान, सिख धर्म का रुपांतरण, खालसा पंथ की स्थापना और चार साहिबजादे दर्ज हैं, जबकि भाग 2 में सिख हिस्ट्री के साथ कुछ भी नहीं है.
पंजाब में आम तौर पर 11वीं में ही 12वीं का ही सिलेबस करवाया जाता है, ताकि बोर्ड की परीक्षा में दो साल की तैयारी हो सके.
पंजाब शिक्षा विभाग की 12वीं की किताबों से सिख गुरुओं से जुड़े पाठ्यक्रम को हटाने के मुद्दे पर अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब सरकार ने सिख इतिहास को 12वीं के सिलेबस से जो बाहर किया है, शिरोमणि अकाली दल इसकी निंदा करती है और इस मसले पर सरकार को 3 दिन का समय देते हैं, अगर सरकार बदला सिलेबस वापिस नहीं लेती है तो 3 मई को शिरोमणि अकाली दल की कोर ग्रुप की बैठक की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी और शिरोमणि अकाली दल यह लड़ाई डट कर लेगा.
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल का कहना है कि कांग्रेस की नीति एंटी सिख-एंटी पंजाब है. कांग्रेस ने सिख इतिहास को सिलेबस से बाहर निकाल कर कांग्रेस का इतिहास उसमें डाल दिया है.
कांग्रेस पार्टी के इतिहास से जुड़ा चैप्टर जोड़ा
अकाली दल के सीनियर लीडर और पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ दलजीत सिंह चीमा ने 12वीं क्लास की इतिहास की पुरानी किताब और पंजाब सरकार के द्वारा सिलेबस में बदलाव करके जारी की गई नई किताब दिखाई और बताया कि किस तरह से पुरानी किताब जो कि करीब 400 पन्नों की होती थी और उसके अंदर पंजाब के तमाम सिख धर्म गुरुओं से जुड़े चैप्टर और उनका पूरा इतिहास हुआ करता था, उन तमाम चैप्टरों को इस नई किताब में सिर्फ दो पेज के एक चैप्टर में तब्दील कर दिया गया है और इतिहास की किताब में कांग्रेस पार्टी की स्थापना और कांग्रेस पार्टी के इतिहास से जुड़ा चैप्टर जोड़ दिया गया है.
दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार की रजामंदी के बाद ही पंजाब शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों ने इतिहास की किताब में ये बदलाव किए हैं और जान-बूझकर सिख इतिहास और धर्म से जुड़े चैप्टरों को बाहर कर दिया गया है.
2019 के चुनाव के चलते बयानबाजी
इस मामले पर पंजाब के शिक्षा मंत्री ओ पी सोनी ने कहा कि अकाली दल ने हमेशा ही लोगों को गुमराह करने की राजनीति की है, जबकि सरकार ने सिख धर्म और सिख धर्मगुरुओं से जुड़ा सलेब्स 11वीं के साथ-साथ 12वीं में भी सिख इतिहास को शामिल किया है.
अकाली दल धर्म की राजनीति कर लोगों को गुमराह कर रहा है. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए अकाली दल इस तरह की बयानबाजी कर रहा है, जबकि जनता सब कुछ जानती है. अब जनता इनके बहकावे में नहीं आएगी.
वहीं इस पूरे मामले पर पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड ने सफाई दी और किताब को तैयार करने वाले तमाम पैनलिस्ट और एक एक्सपर्ट्स को मीडिया से रूबरू करवाया.
कोई भी चैप्टर डिलीट नहीं किए गए
किताब को तैयार करने वाले पैनल में शामिल डॉक्टर अमनप्रीत सिंह और डॉक्टर जसवीर सिंह ने बताया की ये किताब तैयार करने का काम 2014 से चल रहा था और उन्होंने कोशिश की कि सिख धर्म और धर्मगुरुओं को लेकर बच्चे जो 12वीं क्लास में पढ़ाई करते हैं, वो जूनियर क्लास से ही शुरू हो. इसीलिए पिछले कुछ सालों में जूनियर से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक की बुक्स में इस सिलेबस को शामिल किया गया है और किसी भी तरह के चैप्टर डिलीट नहीं किए गए हैं.
पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड की हिस्ट्री की सब्जेक्ट एक्सपर्ट सीमा चावला ने बताया कि गलत तरीके से ये बात कही जा रही है कि पंजाब बोर्ड की किताबों से धर्म गुरुओं से जुड़े सब्जेक्ट मैटेरियल को कम कर दिया गया है.
पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड की सफाई
पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड की तरफ से सफाई दी गई कि जिस दौर की बात इस इतिहास की किताब में की जा रही है, उस दौर में कांग्रेस पार्टी का उदय हुआ था. इसी वजह से कांग्रेस पार्टी का इतिहास भी इस किताब में लिखा गया है.
इस पूरे विवाद में आम आदमी पार्टी ने भी पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड और पंजाब सरकार को वाइट पेपर जारी करके पंजाब की जनता को ये भरोसा दिलाने के लिए कहा कि पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड की किताबों से सिख धर्मगुरुओं से जुड़े चैप्टर्स को हटाया नहीं गया है.
आंदोलन की चेतावनी
पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड और पंजाब सरकार के शिक्षा मंत्री ने भले ही इस मामले को लेकर सफाई दी हो लेकिन आने वाले वक्त में ये बवाल थमता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है और अकाली दल के साथ-साथ बीजेपी ने भी पंजाब सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि हिस्ट्री की वो पुरानी बुक जिसमें सिख धर्मगुरुओं से जुड़े चैप्टर मौजूद हैं, उस बुक को एक बार फिर से पंजाब के स्कूलों में पढ़ाया जाए नहीं तो इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा.