सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की. बादल ने अगले चुनाव का रास्ता साफ करने के लिए इस्तीफा दिया. चीमा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने नए अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ करने के लिए आज पार्टी की कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया."
पोस्ट में आगे लिखा गया, "उन्होंने अपने नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करने और पूरे कार्यकाल के दौरान पूरे दिल से समर्थन और सहयोग देने के लिए पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया."
अकाली दल कार्यसमिति के अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में कार्यसमिति की आपात बैठक बुलाई है. अकाली दल के अध्यक्ष, पदाधिकारियों और कार्यसमिति के लिए 14 दिसंबर को चुनाव होने हैं. इसमें शिरोमणि अकाली दल के नए अध्यक्ष को भी चुना जाएगा.
बता दें कि बादल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब उन्होंने अकाल तख्त जत्थेदार से धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए अपनी सजा सुनाने का आग्रह किया था, उन्होंने कहा कि उन्हें 'तनखैया' (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किए हुए दो महीने से अधिक समय बीत चुका है.
30 अगस्त को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2007 से 2017 के बीच अकाली दल और उसकी सरकार द्वारा की गई गलतियों के लिए बादल को 'तनखैया' घोषित किया. जत्थेदार ने बादल के लिए अभी तक 'तनख्वाह' (धार्मिक दंड) घोषित नहीं किया है.
बादल को अकाल तख्त से कोई अस्थायी राहत नहीं मिलने के बाद 24 अक्टूबर को अकाली दल ने घोषणा की कि वह उपचुनाव नहीं लड़ेगा.
1 जुलाई को पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पूर्व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) प्रमुख बीबी जागीर कौर सहित बागी अकाली दल के नेता अकाल तख्त के सामने पेश हुए और 2007 से 2017 के बीच पार्टी की सरकार द्वारा की गई गलतियों के लिए माफ़ी मांगी.