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पंजाब: सौहार्द की मिसाल, गांव में 8 मुस्लिम परिवारों के लिए मस्जिद बनाने के लिए आगे आए हिन्दू-सिख

मोगा जिले के भलूर गांव में 1947 में देश के बंटवारे के वक्त यहां एक मस्जिद हुआ करती थी. गांव से कई मुस्लिम परिवार उस वक्त चले गए. देखभाल न होने की वजह से गांव की मस्जिद की इमारत का अस्तित्व खत्म हो गया. गांव वालों ने उसी जगह दोबारा मस्जिद बनाने का फैसला किया.

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ग्रामीणों ने मिल-जुलकर रखी मस्जिद की नींव.
ग्रामीणों ने मिल-जुलकर रखी मस्जिद की नींव.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 1947 में भलूर गांव में थी मस्जिद
  • सिख-हिंदू परिवारों ने की पहल
  • गांव में रहते हैं 8 मुस्लिम परिवार

पंजाब के मोगा जिले के एक गांव में हिन्दू और सिख ने मस्जिद बनाने के लिए आगे आए हैं. जिले के भलूर गांव में मुसलमानों के आठ परिवार रहते हैं. इस गांव में 7 गुरुद्वारे और 2 मंदिर है. गांव में दसवां धर्मस्थल मस्जिद होगा. गांव के लोगों के इस कदम को सौहार्द की मिसाल बताया जा रहा है.   

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भलूर गांव में करीब 12,000 लोगों की आबादी है. गांव में बनने वाली मस्जिद की नींव का पत्थर रखने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. बारिश होने की वजह से एकत्र लोगों को दिक्कत न हो इसके लिए गांव के गुरुद्वारा साहिब के हॉल को खोल दिया गया. इस मौके पर गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधकों और गांव के सिखों और हिन्दुओं ने मुस्लिम समुदाय के लोगों का स्वागत करते हुए भरोसा दिया कि मस्जिद निर्माण हर संभव सहयोग दिया जाएगा.  

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि 1947 में देश के बंटवारे के वक्त यहां एक मस्जिद हुआ करती थी. गांव से कई मुस्लिम परिवार उस वक्त यहां से चले गए. देखभाल न होने की वजह से गांव की मस्जिद की इमारत का अस्तित्व खत्म हो गया. गांव वालों ने उसी जगह दोबारा मस्जिद बनाने का फैसला किया.  

अगले साल तक तैयार हो जाएगी मस्जिद

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इस मौके पर मुस्लिम फ्रंट पंजाब के प्रधान हंसराज मोफर और मुस्लिम सलाहकार कमेटी पंजाब के सदस्य सरफराज अली ने गांव के सभी लोगों का आभार जताया. मोहम्मदी मस्जिद के निर्माण के लिए कुछ लोगों ने दो लाख रुपए दान भी दिया. इसके लिए आगे भी सहयोग जारी रखने का भरोसा भी दिया गया. मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने उम्मीद जताई है कि मस्जिद का निर्माण अगले साल तक पूरा हो जाएगा.

 

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