प्रसिद्ध पंजाबी और सूफी सिंगर हंसराज हंस कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने इसी साल फरवरी में शिरोमणि अकाली दल का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जिस तरह से गरीबों के लिए काम कर रहे हैं, उससे वे प्रभावित हुए और उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के लिए अमित शाह से संपर्क किया. गौरतलब है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव करीब है, ऐसे में सभी दलों में नए-नए लोगों का आना लगा हुआ है. हंसराज हंस साल 2009 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर जालंधर से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन वे हार गए थे.
हालांकि, हंसराज हंस ने कहा है कि अभी वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने नोटबंदी के बारे में कहा कि इससे कुछ समय के लिए लोगों को समस्या जरूर होगी, लेकिन उसके बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा और देश का कालाधन बाहर आ जाएगा. हंसराज हंस ने कहा, 'पंजाब चुनाव में पार्टी जो काम देगी उसके लिए जी-जान से मेहनत करूंगा. हम किसान के बेटे और मेहनत करने वाले लोग हैं. लेकिन मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा.' उन्होंने कहा कि कलाकार भावुक होता है, जब तक उसे प्यार मिलता है वो रहता है. नहीं मिलता है तो दूर हो जाता है. इसी तरह जब तक उन्हें कैलाश विजयवर्गीय और अमित शाह का प्यार मिलेगा पार्टी के लिए काम करते रहेंगे.