दोषी जनप्रतिनिधियों संबंधी अध्यादेश को लेकर सरकार की खुलेआम आलोचना के कुछ दिनों बाद राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री को मनाने के अंदाज में कहा, ‘ वह मेरे गुरु हैं और अच्छी नीयत वाले व्यक्ति हैं.'
पंजाब में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा द्वारा अध्यादेश पर अपने बयान के समय को लेकर सवाल खड़े करने की भी आलोचना की और कहा कि यह सच बोलने का मुद्दा नहीं हो सकता.
यहां एक कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखने के बाद उन्होंने कहा,‘अध्यादेश के बाद मैंने जब मनमोहन सिंह जी से मुलाकात की तो उनसे कहा कि मैंने आपसे काफी कुछ सीखा है. मेरी जिंदगी में दो गुरु हैं, कांग्रेस अध्यक्षा और मनमोहन सिंह. आपने मुझे एक गुरू दिया है. मनमोहन सिंह ने भारत और पंजाब के लिए जो किया है वह कोई नहीं कर सकता.
प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए राहुल ने कहा, ‘अगर नीयत खराब है तो कुछ नहीं होगा, अगर नीयत साफ है तो सब कुछ होगा. मनमोहन सिंह जी की नीयत बिल्कुल साफ है.’
कांग्रेस उपाध्यक्ष की टिप्पणियां इस परिप्रेक्ष्य में महत्व रखती हैं कि पिछले महीने उन्होंने अध्यादेश के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया था, जिसमें दोषी जनप्रतिनिधियों को बचाने की बात थी. अध्यादेश के खिलाफ उनकी टिप्पणी को प्रधानमंत्री को झिड़कने के तौर पर लिया गया, क्योंकि सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी.
देश को खाद्यान्न मुहैया कराने के लिए पंजाब और इसके किसानों की प्रशंसा करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि पंजाब के किसानों के बगैर देश में किसी को भी खाद्य सुरक्षा का अधिकार मुहैया कराना संभव नहीं होगा. राहुल ने उन सिख किसानों की दुर्दशा की भी चर्चा की जिन्हें गुजरात से बाहर कर दिया गया था और अकाली दल सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनके अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठा रही है. अध्यादेश के बारे में राहुल ने विपक्ष की टिप्पणी पर सवाल खड़े किए. विपक्ष ने कहा था कि अध्यादेश के खिलाफ उनकी टिप्पणी का समय गलत था.
उन्होंने कहा,‘क्या सच बोलने का कोई समय होता है ? आज राजनीति ऐसी है कि लोग सच बोलने के लिए विशेष समय चुनते हैं. मैं इसे बदलना चाहता हूं. अगर आपको भ्रष्टाचार का खत्मा करना है तो आपको सच बोलना होगा.’मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगे की बात करते हुए उन्होंने समाजवादी पार्टी पर समस्या को भड़काने और राजनीतिक लाभ के लिए उत्तरप्रदेश में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दुश्मनी पैदा करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा,‘मैं मुजफ्फरनगर गया और हिंदू एवं मुस्लिम दोनों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि हम लड़ना नहीं चाहते हैं. हम एक दूसरे से प्यार करते हैं. दुश्मनी समाजवादी पार्टी के लोग लाए हैं.’
संप्रग सरकार द्वारा लाए गए खाद्य, रोजगार, शिक्षा और सूचना के अधिकार की प्रशंसा करते हुए कांग्रेस नेता ने भाजपा पर प्रहार किया और कहा कि वह ऐसे मुद्दों पर बात तक नहीं करती.
राहुल ने भाजपा का जिक्र करते हुए कहा,‘लोग पूछते हैं कि संप्रग ने क्या किया ? हमने भोजन का अधिकार, रोजगार का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और सूचना का अधिकार दिया.’
उन्होंने कहा,‘आज लोग भ्रष्टाचार की बात करते हैं. आरटीआई ने आम आदमी को मजबूती दी है. आज कोई भी सवाल पूछ सकता है. भाजपा ने ऐसा नहीं किया है. उनके राज्यों में जाइए और देखिए कि आरटीआई आयुक्तों से क्या होता है. हम ऐसा क्यों करते हैं? आपके हाथ मजबूत करने के लिए.’
उन्होंने कहा,‘जब तक आम आदमी को ताकत नहीं दी जाती तब तक यह देश प्रगति नहीं करेगा. हम आपके हाथों में शक्तियां देने की बात करते हैं. वे इस बारे में बात नहीं करते क्योंकि वे इस तरह की ताकत अपने हाथ में रखना चाहते हैं.’
उन्होंने खाद्यान्न मुहैया कराने के लिए पंजाब और हरियाणा की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘पंजाब के बगैर भारत उत्थान नहीं कर सकता.’ पंजाब में नशे की समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने उन माताओं का जिक्र किया जिन्हें अपने बेटों के नशे की गिरफ्त में आने का भय होता है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार उन्हें बचपन में मौसम खराब होने पर डर लगता था, क्योंकि उस समय उनके पिता पायलट थे.
उन्होंने पंजाब में बेरोजगार युवकों की दुर्दशा की भी चर्चा की और कहा,‘जब तक ये चिंताएं पंजाब से दूर नहीं की जातीं तब तक यह राज्य प्रगति नहीं कर सकता. आपमें कोई कमी नहीं है, आपने हमें मनमोहन सिंह दिया है.’
राहुल ने राजनीति में और महिलाओं को लाने का समर्थन करते हुए कहा, ‘हम तभी बदलाव ला सकते हैं जब हम ऐसा करेंगे’.
उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ अकाली दल के अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए युवा कांग्रेस की भी प्रशंसा की.