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सिख दंगों को सही ठहराने वाले राजीव गांधी भारत रत्न के हकदार नहीं: फुलका

सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए काम कर रहे AAP नेता एचएस फुलका ने गुरुवार को मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में बेगुनाह सिखों की हत्याओं को जायज ठहराया था इसलिए उनका भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाना चाहिए.

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सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए काम कर रहे AAP नेता एचएस फुलका ने गुरुवार को मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में बेगुनाह सिखों की हत्याओं को जायज ठहराया था इसलिए उनका भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाना चाहिए. हालांकि कांग्रेस ने इस मांग को सस्ती राजनीति कहकर खारिज कर दिया.

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फुलका ने जिस संवाददाता सम्मेलन में यह मांग उठाई, उसमें उनके साथ बीजेपी सचिव आरपी सिंह भी मौजूद थे. दोनों नेताओं ने 1984 में इंदिरा गांधी की जयंती पर बोट क्लब में दिए गए राजीव के भाषण का वीडियो भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा था, ‘जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है.’ इस बयान को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जोड़कर देखा गया.

नरसंहार के लिए कांग्रेस है जिम्मेदार
वकील फुलका ने कहा, ‘जो प्रधानमंत्री बेगुनाह नागरिकों की हत्या को जायज ठहराता है, वह निश्चित रूप से भारत रत्न का हकदार नहीं है. इसलिए हम सरकार से राजीव गांधी को प्रदान किए गए भारत रत्न सम्मान को वापस लेने की मांग करते हैं.’ उन्होंने 1984 के नरसंहार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘जिस प्रधानमंत्री को राजधानी में दिनदहाड़े मारे गए बेगुनाह नागरिकों के शव गिनने में ही तीन साल लग जाते हैं, वह भारत रत्न नहीं हो सकता.’

- इनपुट भाषा

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