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मोदी सरकार में बनेगा राम मंदिर: साध्वी प्राची

अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा और इसे मौजूदा एनडीए सरकार के इसी कार्यकाल के दौरान पूरा किया जाएगा. यह कहना है विश्व हिंदू परिषद की विवादित नेता साध्वी प्राची का.

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Ram Temple will be completed during Modi govt's tenure syas Sadhvi Prachi
Ram Temple will be completed during Modi govt's tenure syas Sadhvi Prachi

अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा और इसे मौजूदा एनडीए सरकार के इसी कार्यकाल के दौरान पूरा किया जाएगा. यह कहना है विश्व हिंदू परिषद की विवादित नेता साध्वी प्राची का. साध्वी प्राची ने शुक्रवार को यह विवादास्पद बयान दिया.

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बीजेपी के दलित मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिस्सा लेने आईं साध्वी प्राची ने बैठक से परे मीडिया के एक वर्ग से बातचीत में यह दावा किया. उन्होंने यह कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू किया जाएगा और मौजूदा एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान इसे पूरा कर लिया जाएगा. साध्वी प्राची ने कहा, 'हरिद्वार में इस महीने की 25 तारीख से विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक शुरू हो रही है. राम मंदिर के निर्माण के बारे में इसी बैठक में अंतिम निर्णय कर लिया जाएगा.

सलमान खान के बारे में दिए गए उनके विवादित बयान के बारे में पूछने पर साध्वी ने कहा, मालेगांव धमाका मामले में संदिग्ध साध्वी प्रग्या को जमानत दिए जाने से इनकार कर दिया गया और एक बलात्कार पीड़िता (नर्स अरूणा) को 42 साल तक न्याय नहीं मिला, उसका निधन हो गया, तो सलमान को इतनी आसानी से जमानत कैसे मिल गई?' गौरतलब है कि साध्वी ने सलमान के बारे में कहा था कि वह खान हैं, इसलिए उन्हें जमानत मिली है.

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यह पूछने पर कि क्या इस बयान के लिए पार्टी आलाकमान ने उनकी खिंचाई की थी, साध्वी ने थोड़ा रूक कर मुस्कुराते हुए कहा, नहीं. ऐसा कुछ भी नहीं है. ऐसा कुछ हुआ भी नहीं था. यह सब मीडिया के अपने मन की देन है.

पंजाब में दलित अत्याचार पर साध्वी ने मुखर होकर कहा, 'पंजाब की अकाली-बीजेपी सरकार दलितों के साथ भेद-भाव क रती है. यह भेदभाव न केवल आम आदमी से बल्कि मंत्री तक के साथ होता है. उन्होंने कहा, 'करोड़ों रुपये के नशे की तस्करी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच में एक दलित मंत्री (सरवन सिंह फिल्लौर) का नाम आने मात्र से मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा ले लिया, जबकि दूसरी ओर एक अन्य मंत्री बिक्रम मजीठिया को जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाने के बावजूद उसे क्लिन चिट दे दी जाती है, यह भेदभाव नहीं तो और क्या है?'

इनपुट: भाषा

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