पंजाब विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने दो विवादित बयानों से विपक्ष के निशाने पर रहे. आलम ये रहा है कि कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में जमकर नारेबाजी की और सदन का बहिष्कार का ऐलान करते हुए वॉक आउट कर गए. वॉक आउट के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने मुख्यमंत्री मान से अपने विवादित बयान पर माफी मांगने को कहा.
दरअसल, सबसे पहले भगवंत मान ने विधानसभा स्पीकर को एक ताला और चाबी देकर कहा कि वह विधानसभा के दरवाजे बंद कर दें ताकि कांग्रेस सदस्य वर्कआउट ना कर सकें. मान ने पंजाब विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने के लिए विपक्षी विधायकों की आलोचना की और सदन में चर्चा की मांग की.
मुख्यमंत्री का दूसरा विवादित बयान उस वक्त आया जब आदमपुर से कांग्रेस के दलित विधायक सुखविंदर कोटली ने आम आदमी पार्टी सरकार को दलित उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा याद दिलाया. जैसी ही सुखविंदर कोटली ने सरकार पर दलितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया, मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सदस्य को दौरा पड़ गया है, उनको जूता सुंघओ.
भगवंत मान को चुनाव लड़ने का चैलेंज
इस पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया और नारेबाजी करते हुए वॉक आउट कर गए. सुखविंदर कोटली मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कई बार भावुक हुए और मुख्यमंत्री को चैलेंज किया कि अगर दम है तो उनके साथ चुनाव के मैदान में आए. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से विवादित बयान पर माफी की मांग की है.
सीएम मान पंजाब की संस्कृति भूल गए हैं: बाजवा
कांग्रेस विधायक और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, "आदमपुर से हमारे दलित विधायक सुखविंदर सिंह कोटली ने दलित डिप्टी सीएम बनाने के वादे के बारे में पूछा और नारे लगाए। इस पर मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें (कोटली को) दौरे पड़ रहे हैं. सीएम मान पंजाब की संस्कृति भूल गए हैं. हम भगवंत मान का इस्तीफे की मांग करते हैं. भगवंत मान जहां से भी संसद का चुनाव लड़ेंगे, मैं उनके खिलाफ चुनाव लड़ूंगा. वह तंज कस रहे थे और मौखिक रूप से सभी को गाली दे रहे थे."