पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री चन्नी की स्पीच के दौरान हंगामा (Ruckus in Punjab Assembly) हुआ है. हंगामा इतना बढ़ गया कि नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली दल नेताओं में झड़प हो गई. वहां बात हाथापाई तक पहुंच गई थी. हंगामा किस बात पर हुआ फिलहाल यह जानकारी सामने नहीं आई है.
विधानसभा में हुए हंगामे पर नवजोत सिंह सिद्धू का भी बयान आ गया है. पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू ने कहा, 'विपक्ष डरा हुआ है, इसलिए जानबूझकर ऐसा (झड़प) किया गया. चन्नी सरकार, पंजाब कांग्रेस यहां के लोगों के लिए काम कर रही है. जो भी योजनाएं बनीं, ऐलान हुए वह अगले पांच साल को ध्यान में रखकर किए गए हैं. अगले दो-तीन महीने को ध्यान में रखकर नहीं.'
सिद्धू बोले - आ सकती है गृहयुद्ध की स्थिति
सिद्धू ने आरोप लगाया कि अकाली दल सरकार के कामों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहता है. सिद्धू ने राज्य के ऊपर जो कर्ज है उसपर भी चिंता जताई, यहां तक कहा गया कि अगर हालात नहीं सुधरे तो सिविल वॉर (गृहयुद्ध) की स्थिति पैदा हो सकती है. सिद्धू ने कहा कि राज्य की जो आमदनी है उसका 24 फीसदी हिस्सा कर्ज का ब्याज देने में जा रहा है.
पंजाब प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि पंजाब में कृषि में विविधता लाने के लिए नीतियों की कमी है. उन्होंने कहा कि किसानों का जान देना और प्रदर्शन करना दोनों इस बात की निशानी हैं कि कृषि सेक्टर संकट में है.
चन्नी ने भी अकाली दल को घेरा
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी ने अकाली दल पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि शिरोमणि अकाली दल (SAD) हर मुद्दे को राजनीतिक रंग से देखती है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.
बता दें कि फिलहाल 15वीं पंजाब विधानसभा का 16वां सेशन चल रहा है. इस दौरान चन्नी ने यह भी आरोप लगाया कि अकाली की वजह से संघ (RSS) के लिए पंजाब के रास्ते खुले. कहा गया कि संघ हमेशा पंजाब के हितों के खिलाफ काम करता है.
इससे पहले बुधवार को अकाली दल के नेताओं और किसानों के बीच भी झड़प हुई थी. इस झड़प की संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखीपुर हिंसा से तुलना की है. यह झड़प फिरोजपुर में हुई थी, जिसके बाद वहां तनाव की स्थिति है.