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भगवंत मान की संगरूर सीट क्यों हार गई आप? संजय सिंह और राघव चड्ढा ने बताए ये कारण

राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार ने कहा कि संगरूर उपचुनाव के नतीजों ने पंजाब में आप को एक कड़ा संदेश दिया है कि मतदाता उनके पक्ष में जबरदस्त तरीके से नहीं हैं. भले ही पार्टी तीन महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों को जीतकर सत्ता में आई है.

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह. -फाइल फोटो
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भगवंत मान ने संगरूर सीट पर दो बार जीत हासिल की थी
  • कभी-कभी जनता इमोशन में आकर वोट देती है: संजय सिंह
  • राघव चड्ढा ने भीषण गर्मी को हार का जिम्मेदार बताया

पंजाब की सत्ता में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने वाली आम आदमी पार्टी को तीन महीनों में ही करारा झटका लगा है. संगरूर लोकसभा सीट पर हुए चुनाव के नतीजों में आप प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा. शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष और खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान ने संगरूर लोकसभा क्षेत्र में AAP उम्मीदवार गुरमेल सिंह को 5 हजार 822 वोटों के अंतर से हरा दिया. ऐसे में सवाल है कि पूर्व में भगवंत मान की लोकसभा सीट रही संगरूर से आम आदमी पार्टी आखिर हार कैसे गई.

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संगरूर लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के सांसद रहे भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस सीट पर लोकसभा उपचुनाव हुए थे. चुनाव के नतीजों से पार्टी के कई नेताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी, क्योंकि संगरूर सीट को आम आदमी पार्टी का गढ़ माना जाता है.

भगवंत मान ने संगरूर सीट पर दो बार जीत हासिल की थी

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस सीट पर दो बार जीत हासिल की थी और इस साल के फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी ने लोकसभा क्षेत्र की सभी 9 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. उधर, उपचुनाव के नतीजों के बाद पार्टी ने अपनी हार मानते हुए संगरूर की जनता के साथ-साथ पंजाब की जनता की प्रगति के लिए और कड़ी मेहनत करने का वादा किया.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने संगरूर लोकसभा सीट पर पार्टी की हार के लिए अकाली (अमृतसर) उम्मीदवार के पक्ष में लोगों की इमोशन को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि उपचुनाव के नतीजों को मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार के कामकाज पर जनता के फैसले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.

कभी-कभी जनता इमोशन में आकर वोट देती है: संजय सिंह

संजय सिंह ने कहा कि कभी-कभी जनता इमोशन में आकर वोट डाल देती है, यहां भी यही हुआ. इमोशन में आकर लोगों ने सिमरन सिंह मान के पक्ष में मतदान किया. उन्होंने कहा कि शायद सिमरनजीत सिंह की उम्र को देखकर या फिर ये कि सिमरनजीत सिंह पिछले कई सालों से चुनावों में हार का सामना कर रहे थे, इसलिए लोगों ने उन्हें भावनात्मक रूप से वोट दिया. 

आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अगर भगवंत मान सरकार का प्रदर्शन इतना खराब होता तो चुनाव लड़ रही अन्य पार्टियों कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा को भी वोट मिलना चाहिए था. लेकिन यहां के वोटर्स सिर्फ सिमरनजीत सिंह के पक्ष में गए और कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा के सभी उम्मीदवारों ने अपनी जमानत भी गंवा दी. संजय सिंह ने ये भी कहा कि सरकार आने के तीन महीने के अंदर भगवंत मान की सरकार ने बेहतरीन काम किया है. 

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राघव चड्ढा ने भीषण गर्मी को हार का जिम्मेदार बताया

उधर, पंजाब से आप के नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संगरूर लोकसभा सीट पर पार्टी की हार के लिए धान की कटाई के मौसम और इस बार भीषण गर्मी के कारण मतदाताओं के कम मतदान को जिम्मेदार ठहराया.

हालांकि, उन्होंने कहा कि उपचुनाव के नतीजे स्पष्ट संकेत देते हैं कि आप के वोट लगभग बरकरार हैं और सिमरनजीत सिंह को उपचुनाव में जीत इसलिए मिली क्योंकि अन्य पार्टियों के वोट उन्हें मिले हैं. उन्होंने कहा कि आप का वोट शेयर 37 प्रतिशत से घटकर 35 प्रतिशत हो गया, लेकिन कांग्रेस का वोट प्रतिशत 27 प्रतिशत से गिरकर 11 प्रतिशत हो गया और अकाली दल का वोट पिछले 24 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत रह गया.

उन्होंने दावा किया कि आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि आम आदमी पार्टी ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर दी. राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब के मतदाताओं ने अन्य पार्टियों का सफाया कर दिया. उन्होंने कहा कि हमने लोगों के फैसले को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार किया. हम और मेहनत करेंगे.

नतीजों ने आप को दिया कड़ा संदेश: राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार ने कहा कि संगरूर उपचुनाव के नतीजों को आम आदमी पार्टी की हार के बजाय एक व्यक्ति की जीत के रूप में देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "जो उम्मीदवार निर्वाचित हुआ है उसे देखें. वह राज्य में एक प्रमुख व्यक्ति रहा है और वह किसी भी स्थापित राजनीतिक दल से संबंधित नहीं है, इसलिए यह पार्टी के बजाय उम्मीदवार की जीत है.

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दिल्ली स्थित थिंक टैंक लोकनीति-सीएसडीएस के सह-निदेशक कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी को बहुत सतर्क रहना होगा और इस हार को सत्ता में पार्टी की अस्वीकृति के रूप में लेना होगा. उन्होंने कहा कि AAP ने दिल्ली में राजिंदर नगर विधानसभा सीट जीती क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी ने करीब 10 सालों के शासन में अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की परीक्षा होनी बाकी है.

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