पंजाब के युवाओं में फैल रहे नशे के जहर ने अब उनके घर भी तोड़ने शुरू कर दिए हैं. पहले शरीर टूटता है फिर परिवार. पंजाब में ड्रग्स के लिए बदनाम जिलों में अब सबसे ज्यादा तलाक हो रहे हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक युवाओं में मेथाफैटामाइंस और हैल्युसिनोजिंस जैसे ड्रग्स के बेधड़क इस्तेमाल से ऐसा हो रहा है. इस बात की पुष्टि चंडीगढ़ के सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अंबरीश सिंघल ने की. बकौल सिंघल ड्रग्स पर अधिक निर्भरता की वजह से पंजाब के युवाओं में सेक्स को लेकर रुझान कम हो रहा है, जिससे आज की तारीख में तलाक ज्यादा हो रहे हैं. पंजाब सरकार की रिपोर्ट (2010-11) के मुताबिक प्रदेश के 73.5 फीसदी 16 से 35 की उम्र के युवा नशे के शिकंजे में हैं. यह रिपोर्ट अमृतसर की गुरुनानक देव युनिवर्सिटी की ओर से तैयार कराई गई है.
नशे के शिकंजे में सबसे ज्यादा पाकिस्तान से सटे जिले हैं. इनमें फिरोजपुर, फाजिल्का, तरनतारन, अमृतसर, पठानकोट और गुरदासपुर प्रमुख हैं. पंजाब में इन्हीं रास्तों से अधिकतर ड्रग्स की सप्लाई होती है. यह ड्रग्स अफगानिस्तान से पाकिस्तान होते हुए यहां आती है. फिरोजपुर के एक परिवार का कहना है कि जिनके बारे में शादी के पहले यह नहीं जाहिर होता कि वे नशे के शिकंजे में है, उनका शादी के कुछ महीनों में ही तलाक हो जाता है.
विधानसभा हल्का डेराबाबा के एमएलए नानक सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि जब मैं अपने क्षेत्र के एक गांव में गया तो मैं दंग रह गया. रंधावा कहते हैं कि गांव की करीब 60 फीसदी शादी, जिनमें मैं गया था, वो दो माह से ज्यादा भी नहीं चलीं. जो पहले साथ थे दो महीने में ही वो जुदा हो गए. इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ पंजाब के युवाओं में बढ़ता नशे का चलन ही है.