अमृतसर में सिख समुदाय के 2 गुटों के बीच तलवारबाजी का मामला सामने आया है, जिसमें करीब 12 लोग जख्मी हो गए हैं. हैरत की बात तो यह है कि इस तरह की घटना स्वर्ण मंदिर के भीतर ही हुई.
ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर दो गुटों के बीच भिड़ंत हो गई, जिसमें कुछ लोगों ने एक-दूसरे पर तलवार तान दी और हमला कर दिया. हमले के बाद स्वर्ण मंदिर में भगदड़ मच गई. इस दौरान कुछ मीडियाकर्मियों के कैमरे तोड़ दिए गए और कुछ कैमरों से फोटो डिलीट कर दी गई.
देखें इस हिंसक झड़प की तस्वीरें...
दल खालसा के प्रवक्ता कंवरपाल सिंह और उनके 50 समर्थकों को पुलिस ने स्वर्ण मंदिर के बाहर रोक रखा है. भटिंडा और जालंधर से पुलिस का दंगा निरोधी दस्ता अमृतसर रवाना हो चुका है. स्वर्ण मंदिर के बाहर पुलिस की गश्त जारी है.
जानकारी के मुताबिक, हिंसक झड़प में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और दूसरे सिख गुट से जुड़े लोग शामिल थे. गौरतलब है कि स्वर्ण मंदिर में किसी तरह के आयोजन आदि करने का जिम्मेदारी एसजीपीसी की है.
दोनों पक्ष के सैंकड़ों लोगों ने परिसर में स्थित अकाल तख्त इमारत से एक-दूसरे को बाहर खदेड़ने के लिए खुलेआम तलवारों और लाठियों का प्रयोग किया. कई लोग खुद को बचाने के लिए भागते देखे गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि झड़प उस समय शुरू हुई, जब एसजीपीसी के कार्यकर्ताओं ने शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के कार्यकर्ताओं को परिसर में तलवार व अन्य पारंपरिक हथियार लहराने और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने से रोका.
गौरतलब है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की 30वीं सालगिरह के मौके पर स्वर्ण मंदिर में एक धार्मिक कार्यक्रम रखा गया था, जो शुक्रवार सुबह ही संपन्न हुआ. कार्यक्रम के तुरंत बाद दोनों गुटों में झड़प शुरू हो गई. झड़प के बाद से गुरुद्वारा परिसर में तनाव का माहौल है.
तब झड़प रोकने के लिए मंदिर परिसर में कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था. जिस समय घटना घटी, सीजीपीसी के अध्यक्ष अवतार मक्कड़ और अकाल तख्त गुरबचन सिंह सहित शीर्ष सीजीपीसी पदाधिकारी परिसर में मौजूद थे.
शिरोमणि अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह ने हिंसक घटना की निंदा करते हुए कहा, 'एक अहम मौके पर इस तरह की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.' उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा कमेटी द्वारा इस मामले की जांच कराई जाएगी. अगर इसका कोई सदस्य हिंसा में शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
अगर हो जाता ऑपरेशन सनडाउन तो ना आती ऑपरेशन ब्लू स्टार की नौबत
क्या ऑपरेशन ब्लू स्टार के पीछे थी विदेशी साजिश?