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'हमेशा रहता था धर्म बदलने का दबाव', भारत की नागरिकता देने के फैसले से गदगद सिख शरणार्थी

पंजाब के लुधियाना में सिख शरणार्थियों ने उनसे भारत की नागरिकता के लिए आवेदन मांगने के निर्णय का स्वागत किया है. लुधियाना में रह रहे सिख शरणार्थी अमरीक सिंह ने बताया कि वे काबुल से आए हैं.

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काबूल से आए सिख शरणार्थी अमरीक सिंह (फोटोः एएनआई)
काबूल से आए सिख शरणार्थी अमरीक सिंह (फोटोः एएनआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लुधियाना में रह रहे काबुल से आए शरणार्थियों ने जताई खुशी
  • सिख शरणार्थियों ने भारत सरकार को दिया धन्यवाद

देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बवाल मच गया था. यह कानून अभी लागू नहीं हो पाया है. असम और बंगाल के विधानसभा चुनाव में भी इस कानून का शोर सुनाई दिया था. अभी दो दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने पुराने कानून के मुताबिक ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों से भारत की नागरिकता के लिए आवेदन मांगे हैं.

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गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी. सरकार के इस फैसले पर सिख शरणार्थियों ने प्रसन्नता व्यक्त की है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पंजाब के लुधियाना में सिख शरणार्थियों ने उनसे भारत की नागरिकता के लिए आवेदन मांगने के निर्णय का स्वागत किया है.

लुधियाना में रह रहे सिख शरणार्थी अमरीक सिंह ने बताया कि वे काबुल से आए हैं. उन्होंने कहा कि साल 2013 में काबुल से आया था. वहां इस्लाम कबूल करने के लिए हमारे साथ जबरदस्ती की जा रही थी. अमरीक सिंह ने शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए आवेदन मंगाए जाने की अधिसूचना जारी करने के निर्णय का स्वागत किया और इसके लिए सरकार को धन्यवाद भी दिया.

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने 28 मई को अधिसूचना जारी की थी. इसके मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई समुदाय के शरणार्थी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. ये शरणार्थी गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हैं.

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