पंजाब के उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) के दामाद को राज्य के एडिश्नल एडवोकेट जनरल (Additional Advocate General) के पद पर नियुक्त किया गया है. इसपर सोमवार को विपक्ष ने राज्य सरकार की तीखी आलोचना करते हुए परिवारवाद का आरोप लगाया है.
एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, एडवोकेट तरुण वीर सिंह लेहल और मुकेश चंदर बेरी को पंजाब के कार्यालय में तत्काल प्रभाव से अतिरिक्त एडवोकेट जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है. तरुण वीर सिंह लेहल, पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद हैं, उनके पास गृह मंत्रालय है.
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने लेहल की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य में केवल कांग्रेस मंत्री और विधायकों के परिवार के सदस्यों को ही नौकरी मिल रही है.
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस 'हर घर नौकरी' के अपने प्रमुख चुनावी वादे को पूरा कर रही है, लेकिन मामूली सा बदलाव किया है. नौकरियां पाने वाले ये लोग कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों के परिवारों के सदस्य हैं. सबसे नया नाम उप मुख्यमंत्री रंधावा के दामाद का है. चन्नी निश्चित तौर पर कैप्टन की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.'
इस पर तरुण वीर सिंह लेहल ने कहा कि यह नियुक्ति योग्यता और अनुभव के आधार पर राज्य के एडवोकेट जनरल की सिफारिश पर की गई है. उन्होंने कहा- "मैं उच्च न्यायालय में लगभग 13 सालों से प्रैक्टिस कर रहा हूं. अगर किसी का दामाद होना गलत है तो मुझे नहीं पता कि क्या कहना है."
आदेश के अनुसार, नियुक्त किए गए दोनों लोग पंजाब राज्य के लिए और उसकी ओर से, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में केस लड़ेंगे. यह नौकरी पूरी तरह से कॉन्ट्रैक्ट पर है.